फर्रुखाबाद में दो दिन की गिरावट के बाद गंगा के जलस्तर में फिर से वृद्धि हुई है। शनिवार रात को जलस्तर 10 सेंटीमीटर बढ़कर 136.10 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से केवल 1 मीटर नीचे है। तटीय गांवों में पानी भरने से किसानों की फसलें डूब रही हैं। प्रशासन ने राहत चौकियां और शरणालय बनाए हैं, लेकिन गंगा तटवर्ती लोगों को हर साल इस आपदा से जूझना पड़ता है। सरकार के पुराने वादों के बावजूद अब तक कोई ठोस समाधान नहीं हो सका है।
फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर फिर बढ़ा, खेतों में भरा पानी, किसानों की फसलें चौपट
136.10 मीटर पर पहुंचा जलस्तर, खतरे के निशान से 1 मीटर नीचे
फर्रुखाबाद में गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर चिंता का कारण बन गया है। शनिवार रात को जलस्तर 10 सेंटीमीटर बढ़कर 136.10 मीटर पर दर्ज किया गया। पिछले दो दिनों से जलस्तर में गिरावट आ रही थी, लेकिन अब फिर से वृद्धि देखी जा रही है। पांचाल घाट पर खतरे का निशान 137.10 मीटर है, जिससे अब यह सिर्फ 1 मीटर नीचे है।
तटीय गांवों में बाढ़ का खतरा, फसलें हो रही बर्बाद
गंगा के किनारे बसे तटीय गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। खेतों में पानी भरने से धान, गन्ना और अन्य खरीफ फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खासकर कायमगंज, शमशाबाद, कंपिल और अमृतपुर क्षेत्र के गांवों में स्थिति ज्यादा गंभीर है। अमृतपुर तहसील में गंगा के साथ-साथ रामगंगा नदी भी उफान पर है।
प्रशासन ने की तैयारी, लेकिन समाधान अभी दूर
प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए राहत चौकियां और शरण स्थल बनाए हैं। लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि यह इंतजाम पर्याप्त नहीं हैं। बाढ़ पीड़ितों को समय पर राशन, पीने का पानी और चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई वर्षों से बाढ़ से निपटने की योजनाएं सिर्फ कागजों पर सीमित हैं।
पुराने वादे अभी तक अधूरे, बांध निर्माण की मांग फिर उठी
गांववालों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले घोषणा की थी कि गंगा के किनारे स्थायी बांध बनवाया जाएगा ताकि हर साल आने वाली बाढ़ से राहत मिल सके। लेकिन अभी तक बांध का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। ग्रामीणों और किसानों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द बांध बनवाया जाए ताकि फसलों की बर्बादी रोकी जा सके।
भविष्य में और बढ़ेगा जलस्तर, बारिश ने बढ़ाई चिंता
उत्तराखंड और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा और रामगंगा के जलस्तर में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन अलर्ट मोड में है लेकिन ग्रामीणों की चिंता बनी हुई है। यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।