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अलीगढ़ में पति की हत्या पर पत्नी और प्रेमी को आजीवन कारावास

INDC Network : अलीगढ़, उत्तर प्रदेश : अलीगढ़ अदालत का बड़ा फैसला: पत्नी और प्रेमी को उम्रकैद, दुष्कर्म और छेड़छाड़ मामलों में भी सजा

अलीगढ़ में एडीजे-षष्टम नवल किशोर सिंह की अदालत ने दो साल पुराने हत्या के एक मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए महिला और उसके प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला 2023 में कौड़ियागंज कस्बे के नवादा छिपैटी गांव का है, जिसमें मृतक के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके बेटे की हत्या उसकी पत्नी और उसके प्रेमी ने मिलकर की है।

पति की हत्या में उम्रकैद और जुर्माना

मुरारी लाल वाष्र्णेय ने 19 अक्टूबर 2023 को एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप था कि उनका बेटा भुवनेश उर्फ भिक्की को अंकित उर्फ खजांची नामक युवक और उसके साथी ने घर से बुलाकर हत्या कर दी। जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि हत्या की साजिश मृतक की पत्नी नंदिनी उर्फ किट्टू और उसके प्रेमी अंकित ने मिलकर रची थी।

अदालत ने दोनों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही, अंकित पर ₹2.20 लाख और नंदिनी पर ₹1 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने यह निर्णय सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर सुनाया।

नाबालिग से दुष्कर्म: आरोपी को 10 साल की सजा

दूसरे मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, अभिषेक कुमार बगडिया की अदालत ने छह साल पुराने दुष्कर्म मामले में दोषी उमाकांत शर्मा को 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह मामला थाना गांधीपार्क क्षेत्र के डोरी नगर का है, जहां 8 नवंबर 2019 को पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उमाकांत उसकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है।

पुलिस ने लड़की को बरामद कर मेडिकल परीक्षण और बयान दर्ज कराए। साक्ष्यों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई और अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। साथ ही, ₹13,000 का जुर्माना भी लगाया।

छेड़छाड़ का मामला: दोषी को तीन साल की सजा

तीसरे मामले में भी पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत विशेष न्यायाधीश अभिषेक कुमार बगडिया की अदालत ने एक युवक तरुण को तीन साल की सजा सुनाई है। घटना 28 फरवरी की बताई गई, जब पीड़िता स्कूल जाते समय आरोपी द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत लेकर थाना देहली गेट पहुंची थी।

पीड़िता के अनुसार, मैलरोज बाइपास जलालपुर निवासी तरुण लगातार छेड़छाड़ करता था। कोर्ट ने साक्ष्यों के आधार पर दोषी को तीन साल की कैद और ₹1 लाख के जुर्माने की सजा दी।


न्यायिक प्रक्रिया में दृढ़ता का संदेश

तीनों मामलों में अदालत द्वारा सुनाई गई सजाएं यह स्पष्ट करती हैं कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। अलीगढ़ की न्यायपालिका ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, कानून की पकड़ से नहीं बच सकता।

यह निर्णय समाज में न्याय और सुरक्षा की भावना को मजबूती प्रदान करते हैं और न्याय व्यवस्था में आम नागरिकों का भरोसा बढ़ाते हैं।

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