INDC Network : बलिया, उत्तर प्रदेश : बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र अंतर्गत भाखर गांव में सोमवार सुबह अवैध शराब के खिलाफ एक बड़ा अभियान चलाया गया। आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश और बिहार मद्यनिषेध आयुक्त के निर्देश पर संयुक्त रूप से की गई इस कार्रवाई में उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग और बिहार उत्पाद विभाग की टीमें शामिल थीं। जैसे ही टीमों ने गांव में दबिश दी, पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
40 लीटर कच्ची शराब बरामद, 4 भट्ठियां ध्वस्त
संयुक्त टीम की अगुवाई आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-2 दिनेश कुमार और क्षेत्र-4 मनोज कुमार यादव ने की। बिहार से आई मद्यनिषेध और उत्पाद विभाग सारण की टीम ने भी अभियान में भाग लिया। जांच के दौरान टीम को 40 लीटर अवैध कच्ची शराब बरामद हुई। इसके साथ ही चार अवैध शराब भट्ठियों को भी मौके पर ध्वस्त किया गया।
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300 किलो लहन नष्ट, एक अभियोग पंजीकृत
कार्रवाई के दौरान लगभग 300 किलो लहन, जो कि कच्ची शराब बनाने में प्रयुक्त होता है, उसे मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। टीम ने मौके पर एक अभियोग भी पंजीकृत किया है। इस कार्रवाई से साफ है कि प्रशासन अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ कड़े रुख में है।
कानूनी कार्रवाई जारी, पहचान की जा रही
आबकारी विभाग के सूत्रों ने बताया कि जो लोग इस अवैध शराब निर्माण में शामिल थे, उनकी पहचान की जा रही है। विभाग जल्द ही उन पर कानूनी कार्रवाई करेगा। गांव में जिन स्थानों पर शराब का निर्माण हो रहा था, वहां की निगरानी बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
स्थानीय लोगों को दी चेतावनी
टीम ने मौके पर मौजूद ग्रामीणों को सख्त चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति भविष्य में भी इस प्रकार के अवैध कार्य में संलिप्त पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
जिला आबकारी अधिकारी ने दी जानकारी
पूरे अभियान की जानकारी जिला आबकारी अधिकारी विजय कुमार शुक्ल ने दी। उन्होंने बताया कि यह अभियान विशेष प्रवर्तन अभियान के अंतर्गत किया गया है और आगे भी ऐसी कार्रवाइयां निरंतर जारी रहेंगी। उनका कहना था कि प्रशासन की प्राथमिकता है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध शराब की समस्या को जड़ से खत्म किया जाए।
सरकार की सख्ती, सीमावर्ती गांवों पर नजर
उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध शराब का कारोबार लंबे समय से एक बड़ी समस्या रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए दोनों राज्यों की संयुक्त टीमें ऐसे गांवों में लगातार छापेमारी कर रही हैं। इस अभियान का उद्देश्य न केवल शराब के निर्माण और बिक्री को रोकना है, बल्कि लोगों को इसके दुष्परिणामों से भी जागरूक करना है।