INDC Network : गया, बिहार : बिहार के गया जिले के प्रसिद्ध गेहलौर गांव, जिसे अब दशरथ नगर के नाम से जाना जाता है, में एक नई उम्मीद जगी है। यहां के लोगों के लिए दशरथ मांझी सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि संघर्ष और समर्पण की मिसाल हैं। उनके परिवार की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 6 जून 2025 को गांव का दौरा किया और मांझी के परिजनों से मिलकर उन्हें एक पक्का घर बनवाने का वादा किया।
इस वादे को अब हकीकत में बदलते हुए राहुल गांधी की टीम ने चुपचाप निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। यह घर चार कमरों, एक किचन और बाथरूम के साथ तैयार हो रहा है। खास बात यह है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार का प्रचार या मीडिया कवरेज नहीं किया गया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह काम मानवीय भावना और सम्मान के तहत किया जा रहा है।
इस पूरे अभियान की निगरानी बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम द्वारा की जा रही है। मांझी के परिवार के सदस्य भागीरथ मांझी ने कहा कि राहुल गांधी की यह पहल उनके लिए सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि एक संवेदनशील और आत्मीय प्रयास है।
हालांकि इस प्रयास को लेकर विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन ने इस कदम को “राजनीतिक ड्रामा” बताया और आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी दलित वोट बैंक को साधने के लिए दशरथ मांझी की विरासत का इस्तेमाल कर रही है।
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फिर भी, इस पूरे घटनाक्रम में राहुल गांधी की टीम ने मीडिया से दूर रहकर, बिना किसी बड़े आयोजन के, सीधे जमीन पर काम शुरू करके एक अलग उदाहरण पेश किया है।
यह प्रयास दर्शाता है कि राजनीति में कुछ कार्य शुद्ध रूप से सेवा भाव से भी हो सकते हैं, भले ही उसके पीछे चुनावी समीकरण हों या नहीं।