INDC Network : रायबरेली, उत्तर प्रदेश : रायबरेली में एचटी लाइन ने ली मासूम की मुस्कान, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन और सड़क जाम
रायबरेली जनपद के खीरों क्षेत्र स्थित बरौला गांव में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। गांव निवासी राजेश कुमार की 12 वर्षीय बेटी पायल सुबह शौच के लिए खेत गई थी, तभी खेतों से गुजर रही 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर वह बुरी तरह झुलस गई। चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में बच्ची को सीएचसी पहुंचाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
बालिका की हालत गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों के अनुसार उसके शरीर का बड़ा हिस्सा झुलस चुका है। यह हादसा महज एक तकनीकी गलती नहीं बल्कि बिजली विभाग की गंभीर लापरवाही का नतीजा है, ऐसा ग्रामीणों का आरोप है।
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लटक रही थी बिजली लाइन, शिकायतों के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के बाहर खेतों से गुजर रही बिजली की हाईटेंशन लाइन कई जगहों पर काफी नीचे लटक गई थी। इस बारे में कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी गई थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि मासूम पायल को अपनी जान से लड़ाई लड़नी पड़ रही है।
ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, सड़क जाम और उपकेंद्र का घेराव
घटना की सूचना मिलते ही गांव में आक्रोश फैल गया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जमा हो गए और रायबरेली-खीरों मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। करीब एक घंटे तक यातायात ठप रहा। ग्रामीणों ने बिजली विभाग की घोर लापरवाही के खिलाफ नारेबाजी की और जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
सूचना पर खीरों थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा थमा नहीं, वे खीरों स्थित बिजली उपकेंद्र पहुंचे और वहां प्रदर्शन करने लगे।
पुलिस का आश्वासन, तहरीर मिलने पर होगी कार्रवाई
थानाध्यक्ष संतोष सिंह ने कहा कि ग्रामीणों को शांत करा लिया गया है और यातायात सुचारु रूप से बहाल कर दिया गया है। यदि परिजन तहरीर देते हैं तो दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना न केवल एक दर्दनाक हादसा है, बल्कि प्रशासनिक और तकनीकी लापरवाही का बड़ा उदाहरण भी है। अगर समय रहते शिकायतों पर कार्रवाई की जाती, तो आज एक मासूम बालिका जिंदगी और मौत से नहीं जूझ रही होती। ग्रामीणों की मांग है कि दोषी बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।



















