INDC Network : आगरा, उत्तर प्रदेश : आगरा के थाना एमएम गेट क्षेत्र स्थित सरोजिनी नायडू (एसएन) मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार शाम एक ऐसी घटना घटी जिसने जेल सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। साइबर क्राइम के आरोपी और जबलपुर निवासी संकेत यादव को इलाज के लिए कासगंज जेल से अस्पताल लाया गया था। पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद उसे जेल वार्डन अजीत पांडे और जयंत कुमार की निगरानी में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल पहुंचने के बाद दोनों वार्डन थकान या लापरवाही के चलते सो गए। इसी दौरान संकेत यादव ने मौका पाकर हथकड़ी से हाथ निकाल लिया। चुपचाप अस्पताल के परिसर से बाहर निकलने के बाद वह भीड़ में गुम हो गया। जब वार्डन जागे तो उनके होश उड़ गए क्योंकि आरोपी वहां से गायब था। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई और अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
कासगंज जेल के उप कारापाल उमेश चंद्र शर्मा की तहरीर पर दोनों वार्डनों और फरार कैदी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं, खासकर कैदियों को अस्पताल में लाने-ले जाने की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर।
फरार आरोपी की तलाश के लिए आगरा पुलिस ने विशेष टीमों का गठन किया है। साथ ही, एक टीम को जबलपुर रवाना किया गया है जहां से आरोपी का मूल निवास है। इसके अलावा शहर और आसपास के जिलों में भी दबिश दी जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि आरोपी की अंतिम लोकेशन का पता लगाया जा सके।
प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि वार्डनों ने कैदी की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही बरती। सामान्य स्थिति में हथकड़ी से हाथ निकालना कठिन होता है, लेकिन ढीली या गलत तरीके से लगी हथकड़ी के कारण संकेत यादव आसानी से खुद को छुड़ाकर भाग सका।
यह घटना न केवल कासगंज जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाती है बल्कि प्रदेश में जेलों और कैदियों की सुरक्षा के मौजूदा प्रोटोकॉल पर भी चिंता जताती है। पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और इस मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।