INDC Network : आजमगढ़,उत्तर प्रदेश : प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शासन ने उत्तर प्रदेश के 10 मंडलों में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय खोलने की अनुमति दे दी है, जिसमें आजमगढ़ मंडल भी शामिल है। इस कार्यालय के संचालन शुरू होते ही आजमगढ़, मऊ और बलिया जिलों के सैकड़ों शिक्षकों और प्राचार्यों को सीधा लाभ मिलेगा।
अब लंबी दूरी का सफर खत्म
अब तक इन जिलों के राजकीय और निजी महाविद्यालयों को प्रशासनिक और शैक्षणिक कार्यों के लिए वाराणसी या कभी-कभी प्रयागराज के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय का रुख करना पड़ता था। लंबी दूरी और समय की खपत के कारण कई बार जरूरी कार्यों में देरी हो जाती थी।
नए कार्यालय के शुरू होने से यह परेशानी खत्म हो जाएगी और शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर ही अपनी समस्याओं का समाधान मिल सकेगा।
क्षेत्र के महाविद्यालयों का विवरण
फिलहाल महाराजा सुहेल देव राज्य विश्वविद्यालय से कुल 468 महाविद्यालय संबद्ध हैं, जिनमें 14 अनुदानित अशासकीय, 4 राजकीय और 450 स्व-वित्तपोषित महाविद्यालय शामिल हैं। अब तक इन सभी संस्थानों की निगरानी वाराणसी से की जाती थी, लेकिन अब यह जिम्मेदारी आजमगढ़ में स्थापित नए कार्यालय को सौंपी जाएगी।
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा कार्यालय की स्थापना से महाविद्यालयों और उच्च शिक्षा विभाग के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा। न केवल प्रशासनिक कार्य तेजी से निपटेंगे, बल्कि शोध कार्यों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। इससे क्षेत्र में उच्च शिक्षा का स्तर और गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा।
विद्यार्थियों को भी होगा प्रत्यक्ष लाभ
नए कार्यालय के कारण शैक्षणिक वातावरण अधिक सुचारू होगा, जिससे विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। शिक्षकों की समस्याओं के त्वरित समाधान से वे अपनी ऊर्जा और समय का अधिक हिस्सा पढ़ाई और शोध कार्यों में लगा पाएंगे।
इस फैसले का स्वागत क्षेत्र के शिक्षाविदों और स्थानीय नेतृत्व ने किया है। उनका कहना है कि यह कदम न केवल शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि क्षेत्र में शिक्षा के नए अवसर भी खोलेगा।