INDC Network : जौनपुर, उत्तर प्रदेश : जौनपुर जिले के जलालगंज में शनिवार देर रात एक हृदयविदारक रेल हादसे ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया। वाराणसी-जफराबाद रेलखंड पर जलालगंज रेलवे फाटक के निकट ट्रेन की चपेट में आने से दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान लालपुर गांव के 24 वर्षीय अभिषेक सोनकर और 23 वर्षीय सूरज सोनकर के रूप में हुई है।
घटना का विवरण कार्यवाहक थानाध्यक्ष तारकेश्वर राय के अनुसार, रात लगभग 11 बजे सूचना मिली कि दोनों युवक किसी कार्य से निकले थे और जलालगंज रेलवे फाटक के पास जफराबाद की ओर जा रही एक तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर कानूनी प्रक्रिया पूरी की और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
गांव में मातम का माहौल अभिषेक और सूरज की मौत की खबर मिलते ही उनके परिवारजन मौके पर पहुंचे। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। यह हादसा न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे लालपुर गांव के लिए गहरा सदमा बन गया। दोनों युवक अपने मिलनसार और मददगार स्वभाव के कारण गांव में लोकप्रिय थे।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया हादसे के बाद स्थानीय निवासियों ने रेलवे सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई। उनका कहना है कि रेलवे फाटकों पर पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम और संकेत नहीं होते, जिसके कारण ऐसी घटनाएं बार-बार होती हैं। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि कई बार बैरियर समय पर बंद नहीं होते, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है।
रेलवे सुरक्षा पर उठे सवाल यह हादसा एक बार फिर रेलवे सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े करता है। रेलवे प्रशासन और स्थानीय पुलिस के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि व्यस्त रेलखंडों पर स्वचालित बैरियर, सायरन और चेतावनी संकेतों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
पुलिस की कार्रवाई पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और हादसे की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों के बयान लिए जा रहे हैं। हालांकि, शुरुआती जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि दोनों युवक समय पर ट्रेन को देख नहीं पाए और पटरियों पर आ गए।
सुरक्षा उपायों की मांग स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे फाटकों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, सिग्नलिंग सिस्टम की मजबूती और बैरियर की स्थिति सुधारने से ऐसे हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है। उन्होंने प्रशासन से इस दिशा में जल्द कदम उठाने की अपील की है।
चेतावनी और सबक यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि रेलवे फाटकों और पटरियों पर लापरवाही कितनी घातक साबित हो सकती है। लोगों को चाहिए कि वे निर्धारित क्रॉसिंग का ही उपयोग करें और ट्रेन गुजरने से पहले सुरक्षित दूरी बनाए रखें।