INDC Network : कन्नौज, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में शुक्रवार को बिजली विभाग की लापरवाही एक संविदा लाइनमैन की जान ले गई। ठठिया थाना क्षेत्र के पुंगरा गांव निवासी 24 वर्षीय लाइनमैन ब्रजेश राठौर बिजली लाइन की मरम्मत कर रहे थे। मरम्मत कार्य के लिए शटडाउन लिया गया था, लेकिन अचानक बिजली आपूर्ति शुरू हो गई, जिससे ब्रजेश करंट की चपेट में आ गए। खंभे पर काम कर रहे ब्रजेश नीचे गिर पड़े और गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तुरंत राजकीय मेडिकल कॉलेज तिर्वा ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
लाइनमैन की मौत की खबर मिलते ही परिवार और ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। शनिवार सुबह परिजनों ने मृतक का शव तिर्वा बिजली उपकेंद्र के सामने रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान सड़क जाम कर हंगामा किया गया। परिजनों का आरोप था कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही के कारण एक संविदा कर्मी की जान गई है, लेकिन विभाग जिम्मेदारी से बच रहा है।
प्रदर्शन के दौरान माहौल बिगड़ गया। जब पुलिसकर्मी शव को हटाने पहुंचे, तो परिजनों और ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। दोनों पक्षों के बीच तीखी झड़प हुई। इस दौरान कुछ अराजक तत्वों ने मौके का फायदा उठाकर पुलिस पर पथराव कर दिया, जिसमें पुलिस की गाड़ी के शीशे टूट गए और कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तीन थानों की पुलिस मौके पर बुलानी पड़ी। पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठी फटकार कर खदेड़ा। करीब तीन घंटे तक स्थिति तनावपूर्ण रही, लेकिन बाद में हालात काबू में आ सके।
घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी आशुतोष मोहन अग्निहोत्री और पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने पीड़ित परिजनों से बातचीत कर उन्हें शांत करने का प्रयास किया और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि लाइनमैन ब्रजेश राठौर संविदा पर कार्यरत थे। उनकी मौत के बाद परिजनों ने शव रखकर प्रदर्शन किया और इस दौरान अराजक तत्वों ने माहौल बिगाड़ा। उन्होंने कहा कि पत्थरबाजी करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना पर सपा प्रमुख और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि बिजली कर्मी की मौत विभागीय लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है।
इस हादसे ने एक बार फिर से बिजली विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अक्सर बिना समन्वय और सुरक्षा के काम कराया जाता है, जिससे ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। संविदा पर काम करने वाले लाइनमैन न तो पर्याप्त सुरक्षा उपकरण पाते हैं और न ही उन्हें स्थायी कर्मियों जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
फिलहाल, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, ग्रामीणों और मृतक के परिजन न्याय और मुआवजे की मांग पर अड़े हैं।
यह घटना बिजली विभाग की लापरवाही और संविदा कर्मियों की असुरक्षित कार्य परिस्थितियों की ओर इशारा करती है। सवाल यह है कि आखिर कब तक बिजली विभाग की लापरवाही से लाइनमैन अपनी जान गंवाते रहेंगे।