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कानपुर देहात में सीवर टैंक हादसा: शटरिंग खोलते समय जहरीली गैस से तीन मजदूरों की मौत

INDC Network : कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में शनिवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा सामने आया। अकबरपुर कस्बे के कन्हैया नगर मोहल्ले में एक निर्माणाधीन मकान के सीवर टैंक की शटरिंग खोलते समय तीन मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। घटना से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

शटरिंग खोलते समय हुआ हादसा

जानकारी के अनुसार, कन्हैया नगर में एक मकान का निर्माण कार्य चल रहा था। शनिवार को मजदूर सीवर टैंक की शटरिंग खोलने के लिए उसमें उतरे। जैसे ही मजदूर टैंक के भीतर गए, वहां जहरीली गैस की चपेट में आ गए और दम घुटने से बेहोश हो गए। बाहर मौजूद लोगों ने उन्हें आवाज दी लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर शोर मच गया।

तीन मजदूरों की मौके पर मौत

स्थानीय लोगों और अन्य मजदूरों ने किसी तरह तीनों को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। तीनों मजदूर—मुबीन, अमन और सर्वेश—ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उनकी मौत की खबर फैलते ही पूरे इलाके में कोहराम मच गया।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

हादसे की सूचना मिलते ही मृतकों के परिजन मौके पर पहुंचे। अपने प्रियजनों को मृत देखकर परिजन दहाड़ें मारकर रोने लगे। इलाके में मातमी सन्नाटा पसर गया और लोगों की भीड़ जुट गई। परिजन लगातार अधिकारियों और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग कर रहे हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच

सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अधिकारियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच से स्पष्ट हुआ है कि टैंक के अंदर जहरीली गैस का जमावड़ा था, जिसके कारण मजदूरों का दम घुट गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण और ऑक्सीजन सिलेंडर के टैंक में उतार दिया गया, जो उनकी मौत का बड़ा कारण बना। यह पहली बार नहीं है जब सीवर या टैंक में जहरीली गैस से मजदूरों की मौत हुई हो। इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों में ऐसे हादसे हो चुके हैं।

प्रशासन के लिए चेतावनी

विशेषज्ञों का कहना है कि सीवर टैंक, सेप्टिक टैंक या भूमिगत निर्माण स्थलों पर जहरीली गैस का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में बिना सुरक्षा इंतजाम के मजदूरों को उतारना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार विभाग कितने गंभीर हैं।

इलाके में शोक की लहर

तीन मजदूरों की असमय मौत से कन्हैया नगर और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों ने प्रशासन से मृतकों के परिजनों को मुआवजा और न्याय दिलाने की मांग की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना की वास्तविक वजह स्पष्ट होगी।

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