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कानपुर का गौतम बुद्ध पार्क अब सुरक्षित, नगर निगम ने कहा शिवालय पार्क को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया

INDC Network : कानपुर, उत्तर प्रदेश : कानपुर नगर निगम ने साफ किया है कि गौतम बुद्ध पार्क का नाम बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है। हाल ही में सोशल मीडिया पर इसे शिवालय पार्क में परिवर्तित करने की योजना की खबरों ने विवाद खड़ा किया था। विरोध में बसपा सुप्रीमो मायावती और ASP प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने भी मुखर बयान दिए थे। अब निगम ने स्पष्ट किया है कि गौतम बुद्ध पार्क का स्वरूप सुरक्षित रहेगा।

कानपुर शहर का गौतम बुद्ध पार्क फिलहाल सुरक्षित रहेगा। नगर निगम कानपुर ने चंद्रशेखर आजाद के ट्वीट का उत्तर देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पार्क को शिवालय पार्क में बदलने की कोई योजना या प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया गया है।

पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर खबरें वायरल हो रही थीं कि नगर निगम ने गौतम बुद्ध पार्क का नाम बदलकर शिवालय पार्क करने का निर्णय लिया है। इस मुद्दे ने अचानक राजनीतिक और सामाजिक तूल पकड़ लिया। बौद्ध समाज और डॉ. भीमराव अंबेडकर के अनुयायियों ने इसे अपनी आस्था और पहचान पर सीधा हमला बताया।

विवाद गहराने पर एटा-कासगंज सांसद देवेश शाक्य, आंवला सांसद नीरज मौर्य और नगीना सांसद व ASP प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस योजना का विरोध किया। दोनों नेताओं ने मांग की कि गौतम बुद्ध पार्क को किसी भी परिस्थिति में परिवर्तित न किया जाए और यदि नई परियोजना लानी हो तो किसी अन्य भूमि पर विकसित की जाए।

चंद्रशेखर आजाद ने अपने पत्र में लिखा कि गौतम बुद्ध पार्क केवल हरित क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह भगवान गौतम बुद्ध की करुणा, समानता और बंधुत्व के विचारों का प्रतीक है। ऐसे में इसका स्वरूप बदलना दलित और बौद्ध समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचाना है।

इसी तरह बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा कि गौतम बुद्ध पार्क का नाम बदलने का प्रयास दलितों और बहुजन समाज की भावनाओं से खिलवाड़ है, जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

लगातार बढ़ते विवाद के बीच नगर निगम कानपुर ने 1 सितंबर को ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट की। निगम ने लिखा –

“नगर निगम कानपुर द्वारा कानपुर शहर में बने प्रसिद्ध बुद्धा पार्क को शिवालय पार्क में परिवर्तित किए जाने सम्बन्धी किसी भी प्रकार का प्रस्ताव नहीं किया गया है।”

निगम के इस बयान के बाद अब यह विवाद शांत होने की संभावना है। फिलहाल साफ हो गया है कि गौतम बुद्ध पार्क का स्वरूप जस का तस रहेगा और इसे बदलने की कोई योजना सरकार या निगम के स्तर पर नहीं है।

हालांकि, सामाजिक संगठनों का कहना है कि इस विषय पर सरकार को स्पष्ट और लिखित आदेश भी जारी करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की अफवाहें फिर से न फैलें।

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