Breaking News !

Etawah

उत्तर प्रदेश शासन का नया आदेश, इटावा के 590 सरकारी स्कूलों पर बंद होने का खतरा

INDC Network : इटावा, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश शासन ने एक बार फिर 50 से कम छात्र संख्या वाले प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को मिलाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश से इटावा जिले में 590 विद्यालय बंद होने की संभावना है। सरकार का तर्क है कि कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के संसाधनों का बेहतर उपयोग करने के लिए यह कदम उठाया गया है, लेकिन शिक्षक संगठन और अभिभावक इसे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर डालने वाला बता रहे हैं।

नया आदेश और दूरी का पैमाना

शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि 50 से कम छात्रों वाले प्राथमिक विद्यालयों को केवल 1 किलोमीटर की सीमा के भीतर ही किसी अन्य विद्यालय में मिलाया जा सकता है। वहीं, उच्च प्राथमिक विद्यालयों की पेयरिंग 3 किलोमीटर की सीमा के अंदर होगी। पहले जारी आदेश में दूरी का कोई स्पष्ट मानक नहीं था, जिसके चलते कई बार छात्रों को दूरस्थ गांवों तक जाना पड़ता था। अब नया आदेश इस समस्या को सुलझाने की कोशिश है, लेकिन इटावा जैसे जिले में इसका असर भारी हो सकता है।

इटावा में 590 स्कूल प्रभावित

जिले में कुल 1484 विद्यालय संचालित हैं। नए आदेश के आधार पर यदि पेयरिंग की प्रक्रिया पूरी की जाती है, तो इनमें से 590 विद्यालय बंद हो सकते हैं। इससे हजारों छात्रों को निकटतम विद्यालयों में स्थानांतरित किया जाएगा। पहले भी 101 विद्यालयों की पेयरिंग की गई थी, लेकिन जब मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो सरकार को एक किलोमीटर दूरी का पैमाना तय करना पड़ा। उस आधार पर सिर्फ 37 विद्यालयों की पेयरिंग हो पाई थी और 64 विद्यालयों को राहत मिल गई थी।

शिक्षक संगठनों का विरोध

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष विनोद यादव और उपाध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी का कहना है कि यह नीति शिक्षा और छात्र हित में नहीं है। उनका तर्क है कि छोटे विद्यालय बंद करने से बच्चों की शिक्षा बाधित होगी क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे बच्चे दूर के विद्यालय तक नहीं पहुंच पाते। संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि यह आदेश लागू हुआ तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।

अभिभावकों की चिंता

अभिभावकों का कहना है कि छोटे विद्यालय गांव के बच्चों की शिक्षा की रीढ़ होते हैं। विद्यालय बंद होने पर बच्चे न सिर्फ दूरी की वजह से प्रभावित होंगे, बल्कि कई परिवारों की आर्थिक स्थिति उन्हें दूर तक भेजने की इजाजत नहीं देती। इससे ड्रॉपआउट दर भी बढ़ सकती है।

प्रशासन की स्थिति

बीएसए डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि फिलहाल आदेश प्राप्त हुआ है, लेकिन स्थिति स्पष्ट करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देशों का इंतजार है। उनका कहना है कि अंतिम निर्णय शासन स्तर पर होगा और उसी के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

स्पष्ट है कि इटावा जिले में शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है। यदि आदेश लागू होता है तो 590 विद्यालयों के बंद होने से हजारों छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होगी। वहीं, शिक्षक संगठन और अभिभावक इस फैसले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस आदेश पर प्रदेशभर में राजनीतिक और सामाजिक बहस तेज होना तय है।

What's your reaction?

Related Posts

1 of 5

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *