INDC Network : बाराबंकी, उत्तर प्रदेश : बाराबंकी जिले के जिला महिला अस्पताल में एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने पूरे स्वास्थ्य विभाग की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्राम सरथरा निवासी अखिलेश गौतम नामक युवक अपनी बहन का पर्चा बनवाने अस्पताल गया था। इसी दौरान अस्पताल परिसर में ड्यूटी पर तैनात महिला होमगार्ड से उसका किसी बात को लेकर विवाद हो गया।
पीड़ित युवक का आरोप है कि स्टाफ ने बदतमीजी की और महिला होमगार्ड ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। घटना के तुरंत बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया और अन्य मरीज व तीमारदार भी जमा हो गए। युवक के परिजनों ने इस व्यवहार को लेकर कड़ा विरोध जताया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे प्रशासन हरकत में आया। वायरल वीडियो में महिला होमगार्ड को युवक के साथ हाथापाई करते हुए साफ देखा जा सकता है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने इस मामले को गंभीरता से लिया और चौकी इंचार्ज को लिखित पत्र के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने उक्त महिला होमगार्ड को तत्काल हटाने की संस्तुति की है।
सीएमएस ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“इस प्रकार की घटनाएं बेहद शर्मनाक हैं और इससे हमारे अस्पताल की छवि धूमिल हो रही है। मैंने पहले ही गार्ड्स को सख्त निर्देश दिए थे कि मरीजों और तीमारदारों से अच्छा व्यवहार करें। लेकिन इसके बावजूद इस तरह की घटनाएं हो रही हैं, जो कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। दोषी होमगार्ड को हटाने के साथ-साथ आगे की कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
इस मामले में पीड़ित परिवार ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि आम नागरिकों के साथ अस्पतालों में हो रहे इस तरह के दुर्व्यवहार अब आए दिन की बात हो गई है, जो कि चिंताजनक है।
फिलहाल पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर जांच शुरू कर दी है और अस्पताल स्टाफ से पूछताछ की जा रही है। पुलिस के अनुसार, वीडियो की सत्यता की जांच के साथ सभी चश्मदीदों से भी बयान दर्ज किए जाएंगे।
यह मामला एक बार फिर यह साबित करता है कि यूपी के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था और मानवीय व्यवहार के नाम पर गंभीर लापरवाही हो रही है। सवाल यह है कि क्या केवल दोषी होमगार्ड को हटाना पर्याप्त है या फिर पूरे सिस्टम की जवाबदेही तय की जानी चाहिए?