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Ghazipur

शिक्षा नीति 2020 वापसी और नि:शुल्क शिक्षा की मांग को लेकर भाकपा का धरना

INDC Network : गाजीपुर, उत्तर प्रदेश : गाजीपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की जिला कमेटी ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। इस धरने में पार्टी ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार और सामाजिक न्याय से जुड़े कई मुद्दों पर जोरदार आवाज बुलंद की। प्रदर्शन के केंद्र में बंद किए गए विद्यालयों को दोबारा खोलने की मांग प्रमुख रही।

बंद स्कूलों की बहाली की मांग
भाकपा ने आरोप लगाया कि प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विद्यालयों का मर्जर और बंदी कर दी गई है। पार्टी ने अब तक बंद हुए 26,000 प्राथमिक विद्यालयों और मर्जर किए गए 5,012 विद्यालयों को तुरंत बहाल करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इन विद्यालयों की बंदी से ग्रामीण और गरीब बच्चों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ा है।

नई शिक्षा नीति 2020 पर आपत्ति
पार्टी नेताओं ने नई शिक्षा नीति 2020 को शिक्षा के निजीकरण और बाजारीकरण को बढ़ावा देने वाला बताया और इसे वापस लेने की मांग रखी। उन्होंने प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था लागू करने और शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 में किसी भी तरह के बदलाव का कड़ा विरोध किया।

कैमूर विश्वविद्यालय की स्थापना और आदिवासी अधिकार
सोनभद्र जिले में आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के छात्रों की सुविधा के लिए कैमूर विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग भी की गई। पार्टी ने कोल, धरकार, मुसहर जैसी वनवासी जनजातियों को संविधान की अनुसूची-5 में शामिल करने और उन्हें जंगलों से बेदखल न करने की अपील की।

अल्पसंख्यक और भाषाई समूहों की सुरक्षा
धरने में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों पर हो रही कार्रवाई रोकने और बंगला व उर्दू भाषी लोगों पर हो रहे अत्याचार पर तत्काल रोक लगाने की मांग उठाई गई। भाकपा ने इस बात का विरोध किया कि इन्हें बांग्लादेशी या पाकिस्तानी बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है।

अंतरजातीय और अंतर्धार्मिक विवाहों को मान्यता
भाकपा ने प्रस्ताव रखा है कि अंतरजातीय और अंतर्धार्मिक विवाहों को कानूनी मान्यता दी जाए और इसके साथ प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाए। नेताओं का मानना है कि यह कदम समाज में आपसी सौहार्द और समानता की भावना को और सुदृढ़ करेगा।

जमीन और पुनर्वास से जुड़ी मांगें
पार्टी ने धारा 132 की जमीनों पर रह रहे लोगों की बेदखली रोकने और उजड़े हुए परिवारों के पुनर्वास की मांग रखी। इसके अलावा वन विभाग द्वारा वनवासी जनजातियों की कथित प्रताड़ना रोकने और उन्हें उनकी जमीन का मालिकाना हक देने की बात भी कही गई।

निजीकरण और बाजारीकरण का विरोध
भाकपा ने कहा कि शिक्षा के निजीकरण और बाजारीकरण से गरीब और वंचित वर्ग शिक्षा से वंचित हो रहे हैं, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। साथ ही धार्मिक स्थलों पर बुलडोजर कार्रवाई बंद करने की मांग भी रखी गई।

धरना-प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि इन मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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