INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में भीम युवा आर्मी के पीयूष गौतम हाउस अरेस्ट, बलरामपुर में दलित युवक पिटाई मामले को लेकर थे रवाना
उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद से एक खबर सामने आई है। यहां भीम युवा आर्मी के जिला अध्यक्ष पीयूष गौतम को पुलिस ने उनके साथियों के साथ हाउस अरेस्ट कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वे और उनकी टीम बलरामपुर जिले के अहरौला गांव में दो महीने पहले हुए दलित युवक पिटाई मामले में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन करने जा रहे थे।
फेसबुक पोस्ट से मिली पुलिस को सूचना
जानकारी के अनुसार, पीयूष गौतम ने फेसबुक पर एक पोस्ट डालकर लिखा था। जब पीयूष गौतम अपने साथियों — अंकित जाटव, रवि कुमार, धर्मेंद्र कुमार और अन्य सदस्यों के साथ बलरामपुर के लिए रवाना हो रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें फर्रुखाबाद स्थित उनके घर पर ही नजरबंद (हाउस अरेस्ट) कर लिया।
क्यों जा रहे थे बलरामपुर?
दरअसल, बलरामपुर जिले के सादुल्लाह नगर थाना क्षेत्र के अहरौला गांव में दो महीने पहले एक दलित युवक निशाल कुमार को बंधक बनाकर पीटने की घटना हुई थी। यह मामला अगस्त माह का है, जब विजय कुमार पुत्र रामसूरत ने पुलिस को तहरीर दी थी कि उनके 18 वर्षीय बेटे निशाल कुमार के साथ गाँव के ही सतीश चंद्र मिश्रा, उनकी पत्नी, बेटा और जगदीप पुत्र रामअजोर ने मिलकर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की थी।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इलाके में जातिगत तनाव फैल गया था। हालांकि पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन अब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिला है।
स्थानीय जानकारी के मुताबिक, अहरौला गांव में घटना के बाद से सामाजिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। पीड़ित परिवार लगातार न्याय की मांग कर रहा है। मामले की जांच क्षेत्राधिकारी उतरौला द्वारा की जा रही है, लेकिन अब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई।
फर्रुखाबाद पुलिस का कहना है कि उन्हें सूचना मिली थी कि “कुछ संगठन बलरामपुर में आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।”
इसी के चलते, सुरक्षा कारणों से पीयूष गौतम और उनकी टीम को अस्थायी रूप से हाउस अरेस्ट किया गया है।
पुलिस का कहना है कि यह निवारक कार्रवाई है, ताकि प्रदेश में किसी भी तरह का सामाजिक या जातिगत तनाव न बढ़े। इस घटना ने दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा कर दी है। कई संगठनों का कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते न्याय सुनिश्चित नहीं किया, तो राज्यव्यापी प्रदर्शन किए जाएंगे।



















