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चित्रकूट में फोरलेन के रास्ते में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, नेताओं पर भी कार्रवाई

INDC Network ; चित्रकूट, मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश के चित्रकूट में चल रही 42 करोड़ रुपये की फोरलेन सड़क परियोजना अब किसी भी प्रकार के अतिक्रमण के आगे नहीं झुकेगी। सड़क निर्माण के मार्ग में आ रहे अवैध निर्माणों को हटाने के लिए प्रशासन ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की। इस बुलडोजर अभियान की सबसे खास बात यह रही कि इसमें किसी को कोई रियायत नहीं दी गई – चाहे वह सत्ताधारी दल का नेता हो या कोई धार्मिक स्थान।

प्रशासन का सख्त रुख, 8 घंटे चला ऑपरेशन
यह कार्रवाई मोहकमगढ़ तिराहा से पीलीकोठी के बीच की गई, जहां पर सुबह से लेकर शाम तक करीब आठ घंटे तक बुलडोजर चले। मझगवां एसडीएम एपी द्विवेदी, नागौद एसडीएम जितेंद्र वर्मा, तहसीलदार कमलेश सिंह और सीएमओ अंकित शुक्ला के साथ भारी पुलिस बल मौजूद रहा। इससे पहले, प्रशासन ने सभी अतिक्रमणकारियों को स्पष्ट रूप से नोटिस देकर हटाने के लिए समय दिया था।

160 भवन चिह्नित, 50 ने खुद हटाया निर्माण
इस सड़क परियोजना के लिए 160 से अधिक निर्माणों को अतिक्रमण की श्रेणी में चिह्नित किया गया था। इनमें से 50 से अधिक लोगों ने खुद ही अपने मकान व दुकानें हटा ली थीं, लेकिन शेष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई। प्रशासन की योजना के अनुसार सड़क की चौड़ाई 20.30 मीटर होगी, जिसमें दोनों ओर नालियां और बीच में डिवाइडर भी बनाया जाएगा।

नेताओं और धार्मिक स्थानों पर भी कार्रवाई
बुलडोजर अभियान की विशेष बात यह रही कि प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया। बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य चन्द्रकमल त्रिपाठी के मकान को भी ढहा दिया गया। वहीं, रामायण कुटी नामक धार्मिक स्थल पर हुए अतिक्रमण को भी तोड़ा गया। यह कदम इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि आमतौर पर धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई से परहेज किया जाता है।

कलेक्टर और कमिश्नर के निरीक्षण के बाद शुरू हुई कार्रवाई
इस कार्रवाई से एक दिन पहले संभागीय कमिश्नर बीएस जामोद और कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया था और सख्त निर्देश दिए थे कि अतिक्रमण के नाम पर किसी को बख्शा न जाए। इसी के तहत एमपीटी तिराहा से बस स्टैंड तक का पहला चरण शुरू किया गया। अगले चरणों में शेष क्षेत्रों से भी अतिक्रमण हटाया जाएगा।

विकास के रास्ते में अब नहीं आएगा अतिक्रमण
इस कार्रवाई ने यह संदेश साफ कर दिया है कि अब विकास के कार्यों में बाधा बनने वाला कोई भी अतिक्रमण सुरक्षित नहीं रहेगा। प्रशासन का रुख साफ है – चाहे राजनेता हो, प्रभावशाली व्यक्ति या धार्मिक संगठन, नियमों का उल्लंघन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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