INDC Network : नई दिल्ली : 31 जुलाई को SSC-CGL और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में व्याप्त गड़बड़ियों के खिलाफ दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज को लेकर देश में राजनीतिक उबाल है। इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए आजाद समाज पार्टी के सांसद और अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद ने छात्रों के समर्थन में खुलकर मोर्चा खोल दिया है।
चंद्रशेखर आज़ाद ने ट्वीट के जरिए और पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “यह लोकतंत्र की हत्या है, जहां नौकरी मांग रहे छात्रों को पीटा जा रहा है।” उन्होंने SSC चेयरमैन को पत्र लिखकर छात्रों और शिक्षकों की सभी मांगों को तुरंत स्वीकार करने की अपील की है।
क्या हैं चंद्रशेखर आज़ाद की मुख्य मांगें:
- ब्लैकलिस्टेड कंपनी EDUQUITY पर बैन:
उन्होंने कहा कि EDUQUITY जैसी कंपनी, जो परीक्षा संचालन में तकनीकी गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार में संलिप्त रही है, उस पर सरकार तुरंत रोक लगाए और उसकी भूमिका की जांच कराए। - SSC कैलेंडर को तय करने की मांग:
SSC की परीक्षा तिथियों और रिजल्ट की तारीखें भी UPSC की तरह तय हों, जिससे छात्रों में अनिश्चितता खत्म हो और एक मजबूत प्रणाली विकसित की जा सके। - लाठीचार्ज की जांच और दोषियों पर कार्रवाई:
31 जुलाई को दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों और शिक्षकों पर जो बर्बर लाठीचार्ज किया गया, उसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को सज़ा मिले। - SSC भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और तकनीकी मजबूती:
चंद्रशेखर ने जोर देते हुए कहा कि SSC की प्रक्रिया में तकनीकी पारदर्शिता लाई जाए ताकि देश के युवा भरोसा कर सकें।
आज़ाद का काव्यात्मक विरोध:
चंद्रशेखर आज़ाद ने ट्विटर पर लिखा:
“रोज़गार के सपनों को कुचलती डंडों की मार,
नौकरी मांगने पर क्यों होता युवाओं पर वार?
दंगाइयों पर फूल, छात्रों पर बर्बरता,
ये कैसा अन्याय, ये कैसा व्यवहार?”
छात्रों के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी पार्टी
आज़ाद समाज पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि वह देश के लाखों SSC अभ्यर्थियों और शिक्षकों के साथ खड़ी है। पार्टी की ओर से कहा गया कि यह संघर्ष सिर्फ परीक्षा में पारदर्शिता का नहीं, बल्कि भविष्य बचाने की लड़ाई है।
चंद्रशेखर ने यह भी ऐलान किया कि अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद भी छात्रों के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
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सरकार से सीधी अपील:
चंद्रशेखर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कार्मिक राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह और SSC चेयरमैन से सीधी अपील करते हुए कहा कि इस दमनकारी रवैये को खत्म किया जाए और छात्रों की न्यायोचित मांगों को तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया जाए।
देश का युवा आज रोजगार, पारदर्शिता और सम्मान की मांग कर रहा है। सरकार को यह समझना होगा कि अगर इन आवाज़ों को समय रहते नहीं सुना गया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। चंद्रशेखर आज़ाद का यह समर्थन युवाओं के लिए एक बड़ा नैतिक सहारा है।
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