INDC Network : इटावा, उत्तर प्रदेश : इटावा जिले के चर्चित कथावाचकों पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है। फर्जी आधार कार्ड, जाति छिपाने और छेड़खानी जैसे गंभीर आरोपों में घिरे कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संतराम यादव के खिलाफ अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
यह पूरा मामला बकेवर थाना क्षेत्र के दांदरपुर गांव का है, जहां एक भागवत कथा के आयोजन के दौरान कथावाचकों पर यजमान की पत्नी के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप लगा था। ग्रामीणों में आक्रोश इतना था कि कथावाचक के सहयोगी का सिर तक मुंडवा दिया गया था। इसके बाद जब पुलिस ने मामले की गहराई से जांच की, तो और भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
दो आधार कार्ड, एक ही नंबर — दो नाम
जांच के दौरान कथावाचक मुकुट मणि यादव के पास दो आधार कार्ड मिले। एक कार्ड में उनका नाम मुकुटमणि अग्निहोत्री था और दूसरे में मुकुट सिंह। दोनों आधार कार्ड पर एक ही आधार नंबर दर्ज था, जिससे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
इस आधार पर कथावाचकों पर धोखाधड़ी, पहचान छुपाने और जाति को लेकर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत करने का मामला दर्ज किया गया।
झांसी स्थानांतरित हुई जांच, एसएसपी ने की सिफारिश
मामले की गंभीरता को देखते हुए इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने जांच को जिले से बाहर भेजने की सिफारिश की, जिसे एडीजी कानपुर जोन ने स्वीकार कर लिया। अब इस मामले की जांच झांसी के पूंछ थाने के इंस्पेक्टर जेपी पाल को सौंपी गई है।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गिरफ्तारी वारंट जारी
16 जुलाई को कथावाचक और उनके सहयोगी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। इस पर सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश-7 राखी चौहान ने याचिका खारिज कर दी। इसके बाद विवेचक ने अदालत से गिरफ्तारी वारंट की मांग की, जिसे मानते हुए कोर्ट ने गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया।
राजनीतिक मोड़ भी आया सामने
मामला तब और सुर्खियों में आ गया जब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इन कथावाचकों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया था। यह सम्मान समारोह कथावाचकों पर लगे गंभीर आरोपों के बावजूद हुआ, जिससे राजनीतिक विवाद और बढ़ गया।