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बाराबंकी में सरयू नदी में घड़ियाल का आतंक, कई पशुओं का शिकार कर दहशत फैली

INDC Network : बाराबंकी, उत्तर प्रदेश : बाराबंकी जिले के सिरौली गौसपुर क्षेत्र के ग्रामीण इन दिनों सरयू नदी से आए एक घड़ियाल के कारण दहशत में हैं। नदी का जलस्तर बढ़ने के चलते यह घड़ियाल किनारे की धाराओं में पहुंच गया और अब स्थानीय गांवों के लिए खतरा बन गया है। परसा गांव और उसके आसपास के लोग लगातार इस घड़ियाल के आतंक से परेशान हैं, क्योंकि यह अब तक कई पालतू पशुओं का शिकार कर चुका है।

पिछले एक सप्ताह से यह घड़ियाल गांव के पास ही मंडरा रहा है। सरदहा गांव मजरे परसा में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि घड़ियाल ने कई बार हमला किया। हाल ही में एक कुत्ते को उसने पकड़ लिया और नदी में खींच ले गया। इतना ही नहीं, उसने कुत्ते को हवा में उछालकर टुकड़े-टुकड़े कर दिया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद ग्रामीणों का डर और बढ़ गया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि घड़ियाल ने अब तक भैंस के बच्चे और गाय के बछड़े को भी अपना शिकार बना लिया है। गांव के निवासी अवधेश अवस्थी का भैंस का बच्चा हाल ही में इस हमले का शिकार हुआ। इसी तरह अन्य पशुपालकों को भी नुकसान उठाना पड़ा है। इससे पशुपालकों में भारी आक्रोश और भय का माहौल है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य ओम प्रकाश यादव ने कहा कि पिछले तीन दिनों से घड़ियाल गांव के आसपास मंडरा रहा है। लोग चारा-पानी लाने में भी डर महसूस कर रहे हैं। चूंकि घड़ियाल नदी की मुख्य धारा को छोड़कर किनारे की धाराओं में आ गया है, इसलिए पशुपालक अब अपने पशुओं को पानी पिलाने से भी कतराने लगे हैं।

ग्रामीणों राजकुमार यादव और सूबेदार मंगल प्रसाद ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते घड़ियाल को नहीं पकड़ा गया तो यह इंसानों के लिए भी खतरा बन सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि वन विभाग को घड़ियाल को पकड़कर सुरक्षित रूप से नदी की मुख्य धारा में छोड़ना चाहिए।

उधर, जब इस मामले पर वन विभाग से सवाल किया गया तो डिप्टी रेंजर मनोज कुमार ने कहा कि उन्हें गांव की तरफ घड़ियाल के आने की जानकारी नहीं थी। हालांकि, ग्रामीणों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने टीम भेजकर जांच कराने की बात कही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ जैसी परिस्थितियों में अक्सर घड़ियाल और मगरमच्छ नदी की मुख्य धारा छोड़कर किनारे की ओर आ जाते हैं। इस वजह से वे गांवों के पास मंडराने लगते हैं और पशुओं का शिकार करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है।

ग्रामीणों का डर सिर्फ पशुओं तक ही सीमित नहीं है। वे आशंका जता रहे हैं कि कहीं यह घड़ियाल बच्चों या किसी इंसान पर हमला न कर दे। खासकर वे परिवार जो नदी किनारे रहते हैं या नदी पार करने के लिए नाव का इस्तेमाल करते हैं, सबसे ज्यादा भयभीत हैं।

फिलहाल ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस घड़ियाल को सुरक्षित पकड़कर नदी की गहराई में छोड़े। वन विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि बाढ़ के मौसम में जंगली जीव इंसानी बस्तियों के लिए खतरा बन सकते हैं। समय रहते प्रशासन और वन विभाग की सक्रियता ही ग्रामीणों को राहत दिला सकती है।

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