INDC Network : हरिद्वार, उत्तराखंड, 27 जुलाई 2025: श्रावण मास के शुभ रविवार को उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ के चलते भयानक भगदड़ मच गई, जिसमें अब तक 7 श्रद्धालुओं की मौत और 35 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है।
यह हादसा मंदिर से लगभग 100 मीटर पहले सीढ़ियों पर हुआ, जहां सुबह से ही हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए कतार में खड़े थे। श्रावण मास और रविवार का दिन होने के कारण मंदिर में सामान्य से कई गुना अधिक भीड़ इकट्ठा हो गई थी।
घटना की शुरुआत कैसे हुई?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर मार्ग पर श्रद्धालु धीरे-धीरे बढ़ रहे थे कि इसी दौरान अचानक किसी ने बिजली का तार टूटने और करंट फैलने की अफवाह फैला दी, जिससे अफरा-तफरी मच गई। लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए भागने लगे, जिससे सीढ़ियों पर भगदड़ की स्थिति बन गई।
घटना में हताहत और घायल
गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की तत्काल मौत हो गई थी, जबकि सातवीं मौत की सूचना बाद में अस्पताल से मिली। मृतकों में एक बच्चा भी शामिल है।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल के अनुसार, 35 घायलों को जिला अस्पताल लाया गया है, जिनमें से 15 को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर किया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की भूमिका
घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस, और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गया। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। मंदिर परिसर को श्रद्धालुओं से पूरी तरह खाली करा लिया गया है।
ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता प्रदीप चौधरी ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद तार टूटने और करंट फैलने की अफवाह को खारिज किया है। यह स्पष्ट हुआ है कि यह हादसा भीड़ नियंत्रण की विफलता और अफवाहों के चलते हुआ।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर इस घटना पर गहरा शोक जताया। उन्होंने लिखा,
“हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। स्थानीय पुलिस एवं बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”
श्रावण मास और कांवड़ियों की बढ़ी हुई संख्या
इस बार की शिवरात्रि के बाद भी कांवड़ यात्रियों की बड़ी संख्या हरिद्वार में बनी रही, जो सामान्य रूप से देखने को नहीं मिलती। बड़ी संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर पहुंचे जिससे स्थिति अनियंत्रित हो गई।
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मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना न केवल प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि यह भीड़ प्रबंधन की गंभीर चुनौती भी उजागर करती है। सावन जैसे पवित्र महीने में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतज़ाम होना अनिवार्य है। घटना की जांच चल रही है, और अब सभी की निगाहें प्रशासन की कार्रवाई और पीड़ितों को मिलने वाली सहायता पर टिकी हैं।
















