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फर्रुखाबाद में राजपूत रेजिमेंट ने मनाया कारगिल विजय दिवस, वीर नारियों को किया सम्मानित

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : देश के लिए बलिदान देने वाले वीर जवानों की शहादत को नमन करते हुए फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ स्थित राजपूत रेजिमेंट सेंटर में कारगिल विजय दिवस (26 जुलाई) को पूरे गर्व और सम्मान के साथ मनाया गया। इस अवसर पर न केवल देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई, बल्कि उनकी वीर नारियों और परिजनों को भी विशेष सम्मान दिया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि से हुई। ब्रिगेडियर माइकल डिसूजा ने सभी अधिकारियों और जवानों के साथ मिलकर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दौरान राष्ट्रगान और मौन श्रद्धांजलि से माहौल भावुक हो गया।

ब्रिगेडियर डिसूजा का संबोधन

अपने प्रेरणादायक भाषण में ब्रिगेडियर डिसूजा ने कहा कि “भारतीय सेना केवल एक संस्था नहीं, बल्कि एक जज्बा है। यह देशभक्ति, अनुशासन और बलिदान का प्रतीक है। हमारा रिश्ता वर्दी से नहीं, दिल से होता है। चाहे हम अलग-अलग भाषा बोलते हों या रेजिमेंट बदल जाए, हमारे खून में एक ही तिरंगा लहराता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों से आपसी जुड़ाव और भाईचारा मजबूत होता है। यह हमें यह याद दिलाते हैं कि संकट के समय हम सब एक हैं और मिलकर हर चुनौती का सामना कर सकते हैं।

वीर नारियों का सम्मान और आर्थिक सहयोग

कार्यक्रम में 12 वीर नारियों को सम्मानित किया गया। इनमें से राम कुमारी को 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी गई। रेजिमेंट की ओर से घोषणा की गई कि आगे भी वीरगति को प्राप्त जवानों की पत्नियों, माताओं और बेटियों के कल्याण के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

यह पहल उन महिलाओं के त्याग और समर्पण को मान्यता देने का प्रयास है जिन्होंने देश के लिए अपने प्रियजनों को खोया है।

सेवा भाव और स्वास्थ्य शिविर

कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें सेवानिवृत्त सैनिकों और आम नागरिकों की निःशुल्क जांच की गई। शिविर में ब्लड प्रेशर, शुगर, हड्डी रोग और आंखों की जांच की व्यवस्था की गई थी।

कार्यक्रम में मौजूद एक कैप्टन ने मुस्कराते हुए कहा, “फौजी कभी बूढ़ा नहीं होता”, क्योंकि सेवानिवृत्त सैनिक आज भी फिट और अनुशासित जीवन जी रहे हैं।

देशभक्ति से भरा माहौल

पूरे कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीतों, परेड, और वीरता की कहानियों ने माहौल को गूंजायमान किया। उपस्थित परिवारों, जवानों और अधिकारियों ने भावुक और गर्वित मन से शहीदों की गाथाओं को सुना।

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