INDC Network : कासगंज, उत्तर प्रदेश : कासगंज जिले के अमापुर थाना क्षेत्र के बीनपुर कलां गांव में इन दिनों एक ऐसा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसने विज्ञान और शिक्षा के दौर में भी समाज में अंधविश्वास की गहरी जड़ों को उजागर कर दिया है।
गांव का 25 वर्षीय युवक मोहब्बत कुछ दिन पहले रात में अपने घर पर सो रहा था, जब उसे किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ने लगी और परिजनों ने तुरंत उसे अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
युवक की मौत के बाद परिजन और कुछ ग्रामीण इस घटना को स्वीकार नहीं कर पाए और चमत्कार की उम्मीद में बंगाल से एक महिला तांत्रिक को बुलाया। यह महिला खुद को तंत्र-मंत्र की विशेषज्ञ बताती है और दावा करती है कि वह मृत को जीवित कर सकती है।
पिछले तीन दिनों से यह महिला मृतक मोहब्बत के शव के पास ढोलक, मजीरा और थाली बजाकर मंत्रोच्चारण कर रही है। दो दिनों तक शव को पानी से भरे गड्ढे में रखा गया और लगातार अनुष्ठान जारी रहे। महिला तांत्रिक का कहना है कि विशेष विधियों के जरिए मृतक को पुनर्जीवित किया जा सकता है।
यह खबर फैलते ही गांव में भारी भीड़ जमा हो गई। आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग इस कथित ‘चमत्कार’ को देखने के लिए बीनपुर कलां पहुंचने लगे। माहौल इस कदर भीड़भाड़ वाला हो गया कि मीडिया कवरेज के दौरान कुछ ग्रामीणों ने कैमरा और रिकॉर्डिंग को लेकर विरोध जताया।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि 21वीं सदी में, जब विज्ञान ने मानव जीवन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है, तब भी समाज का एक हिस्सा ऐसे अंधविश्वासों के पीछे क्यों भागता है। चिकित्सा विज्ञान स्पष्ट कर चुका है कि मौत के बाद व्यक्ति को पुनर्जीवित करना संभव नहीं है, फिर भी इस तरह की घटनाएं ग्रामीण इलाकों में आम होती जा रही हैं।
स्थानीय प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक हस्तक्षेप की जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, भीड़ और माहौल को देखते हुए पुलिस की तैनाती की संभावना जताई जा रही है।