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टीकमगढ़ में कुशवाहा समाज ने एसपी-थाना प्रभारी को हटाने को लेकर किया कलेक्ट्रेट घेराव

INDC Network : टीकमगढ़,मध्यप्रदेश : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में शनिवार को कुशवाहा समाज ने एसपी और थाना प्रभारी को हटाने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। समाज के सैकड़ों लोगों ने शहर में रैली निकाली और बाद में कलेक्ट्रेट परिसर का घेराव करते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में ओबीसी महासभा और भीम आर्मी के कार्यकर्ता भी शामिल रहे।

प्रदर्शन का मुख्य कारण दिगौड़ा थाना क्षेत्र का एक संवेदनशील मामला है, जहां गजेंद्र सिंह ठाकुर द्वारा सोशल मीडिया पर कुशवाहा समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की गई थी। समाज की शिकायत के बावजूद पुलिस द्वारा आरोपी की गिरफ्तारी न किए जाने से लोगों में गहरा रोष व्याप्त है।

कुशवाहा समाज के जिला अध्यक्ष हिरदेश कुशवाहा ने बताया कि समाज के लोग जब इस मामले में कार्रवाई की मांग लेकर दिगौड़ा थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उल्टा उनके 10 युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हिरदेश कुशवाहा ने पुलिस पर स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है।

गिरफ्तार किए गए युवकों में रूपेंद्र, अंबिका, गनपत, अजय, छोटू, पुष्पेंद्र, कोमल, गजेंद्र, अमित और राजकुमार कुशवाहा शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन युवकों ने दिगौड़ा तालाब के पास एक वीडियो बनाया था, जिसमें पुलिस प्रशासन के खिलाफ कथित अभद्र टिप्पणियां की गई थीं।

कलेक्ट्रेट में प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और स्पष्ट मांग रखी कि एसपी और दिगौड़ा थाना प्रभारी को तत्काल हटाया जाए। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि समाज को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन और उग्र होगा।

प्रदर्शन को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क था। कलेक्ट्रेट परिसर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।

प्रदर्शन में प्रमुख रूप से मौजूद रहे –

  • हरप्रसाद कुशवाहा (जिलाध्यक्ष)
  • आनंद कुशवाहा (युवा जिला अध्यक्ष)
  • घनश्याम कुशवाहा (पूर्व पार्षद)
  • लक्ष्मी कुशवाहा
  • आसाराम कुशवाहा (जिला पंचायत सदस्य)
  • प्रमोद, परीक्षित, मनोज कुशवाहा (जिला पंचायत सदस्य)
  • रतिराम कुशवाहा (जिला अध्यक्ष, ललितपुर)

कुशवाहा समाज की यह एकजुटता और खुली नाराजगी प्रशासन के लिए बड़ा संकेत है कि यदि समय रहते न्याय नहीं मिला तो सामाजिक संघर्ष और गहराएगा। ओबीसी और अनुसूचित वर्गों के प्रतिनिधियों का समर्थन इस आंदोलन को और धार दे सकता है।

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