INDC Network : नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। राज्यसभा में पेश किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 से लेकर 2025 के बीच पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर कुल 362.17 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस अवधि की सबसे महंगी यात्रा वर्ष 2025 में की गई फ्रांस यात्रा रही, जिसकी लागत 25 करोड़ रुपये से अधिक रही। यह जानकारी विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन के सवाल के जवाब में दी।
2025 में पीएम मोदी ने पांच देशों की यात्राएं कीं, जिन पर कुल मिलाकर 67 करोड़ रुपये खर्च हुए। फ्रांस के बाद अमेरिका की यात्रा दूसरी सबसे महंगी रही, जिस पर 16 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई। हालांकि, मॉरीशस, साइप्रस और कनाडा की यात्राओं के खर्च का विवरण अभी तक उपलब्ध नहीं है।
2024 में पीएम मोदी ने रूस, यूक्रेन समेत कुल 16 देशों की यात्रा की, जिन पर 109 करोड़ रुपये खर्च हुए। 2023 में 93 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसमें अकेले अमेरिका यात्रा पर ही 22 करोड़ रुपये लगे थे। यह वह दौरा था, जिसमें पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की थी।
2022 में जर्मनी और जापान की यात्राओं पर कुल 55.82 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि 2021 में बांग्लादेश, इटली, अमेरिका और यूके की यात्राओं पर कुल 36 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
यह पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी की विदेश यात्राओं पर खर्च को लेकर चर्चा हो रही हो। 2014 से 2020 तक की अवधि में भी सरकार ने विदेश दौरों पर 2,021 करोड़ रुपये खर्च किए थे। वर्ष 2020 में मंत्रालय ने संसद में जानकारी दी थी कि 2015 से 2020 के बीच प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं पर 446 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
विपक्ष का आरोप है कि इन यात्राओं में भारी धन खर्च होता है, जो आम जनता के टैक्स से आता है। हालांकि सरकार की तरफ से यह कहा जाता रहा है कि ये दौरे देश की रणनीतिक, आर्थिक और राजनयिक जरूरतों के तहत किए जाते हैं, और इससे भारत की वैश्विक छवि को मजबूती मिलती है।
इस पूरी जानकारी से एक बात स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राएं एक बड़ा वित्तीय बोझ भी हैं और राजनीतिक बहस का अहम मुद्दा भी बनी हुई हैं।