INDC Network : देवरिया, उत्तर प्रदेश : देवरिया में ज़मीन विवाद ने ली जान, रिटायर्ड फौजी की हत्या से गांव में तनाव
उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के रुद्रपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत फतेहपुर गांव में सोमवार को ज़मीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें एक सेवानिवृत्त सैनिक रामदयाल कुशवाहा (65 वर्ष) की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। घटना के बाद पूरे गांव में सनसनी फैल गई और पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया।
रामदयाल कुशवाहा सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद गांव में रहते थे और एक प्राथमिक विद्यालय के पास उनकी जमीन को लेकर एक साल से विवाद चल रहा था। सोमवार को जब वह अपनी जमीन पर पहुंचे, तो विपक्ष के कुछ लोग वहां मौजूद थे और एक व्यक्ति वहां कुछ बोल रहा था, जिस पर मृतक ने आपत्ति जताई। इसी बात पर बहस शुरू हो गई और देखते ही देखते विपक्षी पक्ष ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमला इतना अचानक और तीव्र था कि रामदयाल कुशवाहा मौके पर ही गिर पड़े। सूचना मिलते ही यूपी 112 पुलिस टीम वहां पहुंची और घायल को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही एएसपी अरविंद कुमार वर्मा, सीओ हरिया यादव और प्रभारी निरीक्षक विनोद सिंह मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि रामदयाल कई बार अपनी ज़मीन के विवाद को लेकर तहसील और अन्य अधिकारियों के पास गए थे, लेकिन किसी ने उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधान प्रतिनिधि रामाशीष निषाद और उसके समर्थकों ने जानबूझकर इस हमले को अंजाम दिया।
एएसपी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
घटना के मुख्य बिंदु:
घटक | विवरण |
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घटना का स्थान | फतेहपुर, रुद्रपुर, देवरिया, यूपी |
मृतक का नाम | रामदयाल कुशवाहा |
उम्र | 65 वर्ष |
पेशा | सेवानिवृत्त सैनिक |
विवाद का कारण | भूमि विवाद |
आरोप | प्रधान प्रतिनिधि रामाशीष निषाद व अन्य |
पुलिस कार्रवाई | ASP, CO, थाना प्रभारी मौके पर, शव पोस्टमॉर्टम को भेजा गया |
वर्तमान स्थिति | गांव में तनाव, जांच जारी |
देवरिया की यह घटना उत्तर प्रदेश में बढ़ते ग्रामीण विवादों और प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर तस्वीर पेश करती है। एक सेवानिवृत्त सैनिक, जो देश की सेवा कर चुका था, उसे अपनी ज़मीन के लिए न्याय मांगते-मांगते अंततः अपनी जान गंवानी पड़ी।
सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवादों के निवारण के लिए ठोस व्यवस्था और संवाद प्रणाली बनाई जाए ताकि ऐसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसे रोके जा सकें।