INDC Network : लखनऊ, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है जब पूर्व कैबिनेट मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने कांवड़ियों को लेकर एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, “ये कांवड़िए नहीं हैं, ये सत्ता संरक्षण में पलने वाले गुंडे-माफिया हैं।” उन्होंने कहा कि धर्म की आड़ में अराजकता फैलाने वालों को अब पहचानने की जरूरत है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी पार्टी की एक प्रांतीय बैठक में कहा कि सच्चे श्रद्धालु कभी हिंसक नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, “जिसे लोग भोले बाबा कहते हैं, उसका भक्त इतना हिंसक, इतना बड़ा अपराधी कैसे हो सकता है? जो कानून का सम्मान नहीं करता, जो दूसरों को पीटता है, सड़कों पर अराजकता फैलाता है, वह भक्त नहीं हो सकता।”
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांवड़ यात्रा के नाम पर सड़कों पर जाम लगाना, डीजे बजाना, दूसरे धर्मों को उकसाना और पुलिस पर हमले जैसी घटनाएं सत्ता संरक्षित अपराधियों के कारण ही हो रही हैं। मौर्य ने कहा कि “कांवड़ियों के भेष में घूम रहे यह लोग दरअसल अपराधी हैं जो कानून की धज्जियां उड़ाते हैं।”
मौर्य के इस बयान का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। भाजपा नेताओं ने मौर्य के इस बयान को सनातन संस्कृति का अपमान बताया है, जबकि मौर्य का कहना है कि “जो धर्म के नाम पर गुंडागर्दी करे, वह धर्मात्मा नहीं हो सकता।”
इसी बैठक में उन्होंने सरकारी स्कूलों के मर्ज (विलय) का भी मुद्दा उठाया और कहा कि संविधान के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। उन्होंने कहा कि “सरकार जानबूझकर शिक्षा का निजीकरण कर रही है और गरीब बच्चों के लिए स्कूल बंद किए जा रहे हैं।” मौर्य ने घोषणा की कि उनकी पार्टी प्रदेशभर में स्कूल मर्ज के विरोध में बाइक रैली निकालेगी और सरकार के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाया जाएगा।
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उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि सत्ता के करीबी गुंडे-माफिया और अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, जबकि गरीब और दलित पर छोटी सी गलती पर मुकदमा कर दिया जाता है, उनका घर बुलडोजर से गिरा दिया जाता है।