INDC Network : देश-विदेश : नई दिल्ली, भारत : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया है कि भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ से रूस की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि रूस के सबसे बड़े या दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदार के रूप में भारत पर यह शुल्क लगाना मास्को के लिए एक “बड़ा झटका” साबित हुआ। भारत ने इस कदम को अनुचित और अनुचित ठहराया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ से रूस की अर्थव्यवस्था को भारी झटका पहुंचा है। ट्रम्प ने दावा किया कि रूस के सबसे बड़े या दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदार के रूप में भारत पर यह शुल्क लागू करना मास्को की अर्थव्यवस्था के लिए “एक बड़ा झटका” साबित हुआ है।
ट्रम्प ने हाल ही में भारत पर लगाए गए टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% कर दिया। पहली बार 25% शुल्क 30 जुलाई को लागू किया गया था और इसके बाद अतिरिक्त 25% शुल्क 7 अगस्त से लागू हुआ। यह निर्णय “एड्रेसिंग थ्रेट्स टू द यूएस बाय द गवर्नमेंट ऑफ द रशियन फेडरेशन” नामक कार्यकारी आदेश के तहत लिया गया।
राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि रूस को अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्निर्माण की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, क्योंकि यह “काफी प्रभावित” हो चुकी है। उन्होंने रूस के विशाल भूभाग और 11 टाइम जोन का जिक्र करते हुए कहा कि वहां विकास की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन मौजूदा हालात में उनकी अर्थव्यवस्था कमजोर स्थिति में है।
भारत ने इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अनुचित” बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नई दिल्ली का कहना है कि यह निर्णय व्यापारिक नियमों और अंतरराष्ट्रीय मानकों के खिलाफ है।
ट्रम्प ने यह भी बताया कि वह 15 अगस्त को अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। यह 2015 के बाद पुतिन की अमेरिका यात्रा होगी। इस मुलाकात का उद्देश्य यूक्रेन में पिछले तीन वर्षों से चल रहे युद्ध में युद्धविराम की दिशा में प्रगति करना है।
ट्रम्प ने कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत सम्मानजनक है कि रूस के राष्ट्रपति हमारे देश आ रहे हैं, न कि हम उनके देश जा रहे हैं या किसी तीसरे देश में मिल रहे हैं।” उन्होंने संकेत दिया कि इस बैठक के बाद वह यूरोपीय नेताओं से भी बातचीत करेंगे।
इसके अलावा, ट्रम्प ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से मिलने की भी योजना बनाई है। उनका कहना है कि वह ज़रूरत पड़ने पर पुतिन और ज़ेलेंस्की के बीच एक बैठक की व्यवस्था करेंगे।
यह बैठक और टैरिफ निर्णय, दोनों ही, मौजूदा वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक समीकरणों पर बड़ा असर डाल सकते हैं। जहां अमेरिका रूस पर दबाव बढ़ाने की रणनीति जारी रख रहा है, वहीं भारत अपने हितों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय रूप से अपनी बात रख रहा है।
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