Breaking News !

Ambedkar Nagar

लेन-देन के विवाद में गोली से निर्दोष घायल, पुलिस ने तीन आरोपी पकड़े

INDC Network : अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में भूमि विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। सम्मनपुर थाना क्षेत्र के पलई बाजार में बुधवार को रुपये के लेन-देन को लेकर मारपीट के बाद गोलीबारी हुई, जिसमें एक निर्दोष राहगीर गोली का शिकार हो गया। पुलिस ने इस घटना में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से तमंचा, कारतूस और वारदात में प्रयुक्त कार बरामद की है।

घटना पलई कल्याणपुर गांव के जयहिंद यादव और उनके पट्टीदार चंद्रशेखर यादव उर्फ मुन्ना के बीच पैतृक जमीन की बिक्री और उससे जुड़े रुपये के लेन-देन से जुड़ी थी। दोनों पक्षों के बीच विवाद पहले भी हुआ था। बुधवार की सुबह बातचीत से यह मामला सुलझाने की कोशिश की गई इसके बाबजूद कोई नतीजा नहीं निकला। फिर करीब शाम 4:30 बजे चंद्रशेखर, अपने साथियों के साथ कार में सवार होकर बाजार पहुंचा जहां जयहिंद एक दुकान पर बैठे थे।

कार से उतरते ही चंद्रशेखर और उसके साथियों ने लाठी, डंडों और रॉड से जयहिंद पर हमला कर दिया। जब उनके चाचा देवेंद्र यादव बीच-बचाव करने आए तो उनकी भी पिटाई कर दी गई। भीड़ जुटती देख बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान जैतपुर गांव के राम केवल उर्फ विजय यादव को गोली लग गई, जबकि उनका इस विवाद से कोई संबंध नहीं था।

इसके बाद बदमाशों ने टेकीपुर के पूर्व प्रधान रणविजय सिंह को भी रॉड और चाकू से घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल विजय यादव को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां चिकित्सकों ने उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सम्मनपुर पुलिस सक्रिय हुई और स्वाट व सर्विलांस टीम की मदद से रात में छापेमारी कर तीनों आरोपियों —

  1. चंद्रशेखर यादव उर्फ मुन्ना
  2. सुरजीत उर्फ मंजीत यादव (निवासी रामनगर जट्ठावा, आलापुर)
  3. अंबिका प्रसाद उर्फ दीपू (निवासी कांदीपुर, मालीपुर)
  4. को प्राथमिक विद्यालय जैनापुर के पास ईंट भट्ठे के निकट से गिरफ्तार किया गया।

थानाध्यक्ष दिनेश सिंह ने बताया कि तीनों आरोपियों को शुक्रवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

यह भी पढ़ें :

आपराधिक इतिहास भी खुला
गिरफ्तार चंद्रशेखर के खिलाफ वर्ष 2015 में मालीपुर थाने में हत्या का मामला दर्ज है। वहीं सुरजीत पर गैंगस्टर एक्ट समेत 11 मुकदमे विभिन्न थानों में दर्ज हैं। अंबिका पर भी जानलेवा हमले सहित पांच केस सम्मनपुर थाने में दर्ज हैं।

यह वारदात न सिर्फ भूमि विवाद की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे छोटे स्तर के झगड़े सामूहिक हिंसा और निर्दोष लोगों की जान पर बन सकते हैं।

What's your reaction?

Related Posts

Leave A Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *