INDC Network : अमरोहा, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में इस वर्ष की कांवड़ यात्रा केवल भक्ति और आस्था का ही प्रतीक नहीं बनी, बल्कि सामाजिक सौहार्द और हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल भी बन गई। अमरोहा के बछरायूं कस्बे सहित कई स्थानों पर मुस्लिम समाज के लोगों ने शिवभक्त कांवड़ियों का फूलों से स्वागत किया और उन्हें फल एवं पानी वितरित कर मानवता की सेवा की।
बछरायूं क्षेत्र में सर्किल सीओ अंजली कटारिया, थाना प्रभारी प्रमोद कुमार और उनकी पुलिस टीम ने भी कांवड़ियों का पुष्पवर्षा कर स्वागत किया और सेवा के लिए खुद मैदान में उतरे। उन्होंने दिखाया कि पुलिस प्रशासन केवल सुरक्षा नहीं देता, बल्कि सामाजिक सद्भाव में भी अपनी भूमिका निभाता है।
इस सेवा कार्य में मुस्लिम समाज के युवाओं ने सफेद कुर्ता-पायजामा और टोपी पहनकर बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्होंने कांवड़ियों पर फूल बरसाए, साथ ही जगह-जगह स्टॉल लगाकर फल और ठंडा पानी वितरित किया। यह दृश्य जिलेभर में चर्चा का विषय बना रहा और सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ।
शिवभक्तों ने इस सेवा और भाईचारे को खुले दिल से सराहा और कहा कि यह अनुभव उन्हें जीवन भर याद रहेगा। कांवड़ियों ने बताया कि यह पहली बार है जब इस स्तर पर मुस्लिम समुदाय ने आगे बढ़कर इतना सुंदर स्वागत किया है।
पूरे आयोजन ने गंगा-जमुनी तहजीब को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। अमरोहा का यह प्रयास न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन गया है। ऐसे समय में जब समाज में कई बार विभाजनकारी ताकतें सक्रिय रहती हैं, अमरोहा ने यह संदेश दिया कि जब इंसानियत और संस्कार साथ हों, तो धर्म केवल एक पहचान होता है, बाधा नहीं।
इस अनोखी मिसाल ने न केवल प्रशासन की सराहना बटोरी बल्कि आम नागरिकों के दिलों में एकता और प्रेम की भावना को और मजबूत कर दिया। पुलिस, नागरिक और धर्मों के प्रतिनिधियों ने मिलकर यह दिखा दिया कि अगर नीयत साफ हो, तो हर धार्मिक आयोजन आपसी भाईचारे का मंच बन सकता है।
अमरोहा का यह उदाहरण देश के अन्य हिस्सों के लिए भी प्रेरणास्रोत है, जहां भक्ति और एकता एक साथ चल सकते हैं और इंसानियत सबसे बड़ा धर्म बन सकती है।