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बांदा में मां ने तीन मासूमों संग नहर में छलांग लगाकर दी जान, जानिए क्या है पूरा मामला

INDC Network : बांदा, उत्तर प्रदेश : बांदा जिले के नरैनी क्षेत्र में शनिवार को एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने हर किसी को झकझोर दिया। रक्षाबंधन की सुबह, जब गांव के घर-घर में भाई-बहन के रिश्ते का जश्न होना था, उस समय रिसौरा गांव से एक दर्दनाक खबर आई — एक महिला ने अपने तीन मासूम बच्चों के साथ नहर में छलांग लगाकर जान दे दी।

घटना के पीछे की वजह घरेलू विवाद बताई जा रही है। पुलिस ने पति को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि गांव में मातम पसरा हुआ है।


घटनाक्रम की शुरुआत: रात का विवाद और सुबह का सन्नाटा

शुक्रवार रात, रिसौरा गांव निवासी अखिलेश आरख अपने दोस्तों के साथ कच्ची सड़क के पास शराब पार्टी में शामिल हुआ। देर रात करीब 10 बजे वह नशे में घर लौटा। पत्नी रीना (30) ने पति के इस रवैये पर नाराजगी जताई और रक्षाबंधन का हवाला देते हुए फटकार लगाई। बात बढ़ी और दोनों के बीच कहासुनी हुई।

गुस्से और आहत मन से रीना ने एक खौफनाक कदम उठाने का मन बना लिया। रात के अंधेरे में उसने अपने तीन बच्चों — हिमांशु (9), अंशी (5) और प्रिंस (3) — को लाल रंग की बेडशीट से अपने शरीर से बांध लिया। यह कदम उसने शायद इसलिए उठाया ताकि बच्चे उससे अलग न हो जाएं और उसके साथ ही दुनिया छोड़ दें।


सुबह मिली चप्पल और कंगन, शुरू हुई तलाश

शनिवार सुबह करीब 5 बजे गांव के कुछ लोगों ने केन नहर पटरी पर एक जोड़ी चप्पल और रीना का कंगन देखा। शक होने पर पुलिस को सूचना दी गई। कोतवाली इंस्पेक्टर राममोहन राय की अगुवाई में पुलिस मौके पर पहुंची।

तुरंत गोताखोरों की मदद ली गई और तलाश शुरू हुई। करीब 10 घंटे की मशक्कत के बाद, दोपहर 1 बजे के आसपास, घटनास्थल से लगभग 50 मीटर दूर पानी से चारों शव निकाले गए।


गांव में गम और सदमा

जब चारों शवों को पानी से बाहर निकाला गया, तो वहां मौजूद हर आंख नम हो गई। बच्चों के छोटे-छोटे हाथ मां से बंधे हुए थे। कई लोगों ने कहा कि यह दृश्य जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे। कुछ ग्रामीणों ने इसे ‘रक्षाबंधन के दिन पूरे परिवार के खत्म होने’ जैसा दुखद बताया।


परिवार का हाल: मां-बच्चों के जाने का गहरा घाव

रीना के ससुर चंद्रपाल और सास सदा देवी घटना से सदमे में हैं। सदा देवी का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि उनकी बहू ऐसा कदम उठाएगी। कल तक घर में बच्चों की किलकारियां गूंज रही थीं, और आज घर पर मातम पसरा है।

रीना की छोटी बहन सीमा, जो उसी घर में ब्याही है, भी रो-रोकर बेहाल है। सीमा ने बताया कि उनका मायका चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के बुदवल गांव में है। रीना और सीमा की शादी दो सगे भाइयों अखिलेश और सुरेश से हुई थी।


पिता और भाइयों की व्यथा

रीना के पिता अनुसुइया प्रसाद ने कहा कि उनकी पांच बेटियां हैं और रीना उनकी चौथी संतान थी। शादी के 13 साल में उन्होंने कभी रीना और अखिलेश के बीच गंभीर विवाद नहीं देखा था। छोटे भाई लवलेश ने भी यही कहा कि बहन हमेशा शांत स्वभाव की थी।

फिर भी, पुलिस का मानना है कि पति के नशे में घर आने और कहासुनी के बाद ही यह आत्मघाती कदम उठाया गया।


गांव में उठते सवाल

घटना के बाद ग्रामीणों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं — आखिर क्या वजह रही कि एक मां अपने तीन बच्चों को मौत के मुंह में ले गई? क्या यह महज एक रात का विवाद था या लंबे समय से पनप रहा तनाव?

कुछ ग्रामीणों का मानना है कि रीना अपने ससुराल में उपेक्षित महसूस करती थी। चर्चा है कि ससुर छोटे बेटे और उसकी पत्नी का पक्ष ज्यादा लेते थे, जिससे रीना अंदर ही अंदर आहत रहती थी। हालांकि परिवार के लोग इस बात को खुलकर स्वीकार नहीं कर रहे।


पुलिस की कार्रवाई और जांच

अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने बताया कि पति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मायके पक्ष से अभी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। प्रथम दृष्टया मामला घरेलू विवाद और मानसिक आहत होने का प्रतीत होता है।

पुलिस ने शवों का पंचनामा कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।


15 दिनों में चौथी डूबने की घटना

नरैनी क्षेत्र में पिछले 15 दिनों में यह चौथी डूबने से मौत का मामला है।

  • 26 जुलाई: शिवाय नामक बच्चा अपने बाबा के साथ घूमते समय नहर में गिर गया और डूब गया।
  • 30 जुलाई: अतर सिंह नहर में नहाते समय पैर फिसलने से डूब गए।
  • 2 अगस्त: शिक्षिका मृदुला गर्ग की नहर में डूबकर मौत हो गई।
  • 10 अगस्त: रीना और उसके तीन बच्चों की डूबकर मौत।

इन लगातार घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है।


रक्षाबंधन की सुबह का दर्दनाक सबक

यह घटना केवल एक परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का दर्द है। रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर, जब बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांध रही थीं, तब किसी बहन की जिंदगी खत्म हो रही थी।

गांव के लोग अब हर रक्षाबंधन पर इस घटना को याद करेंगे और शायद सोचेंगे कि अगर उस रात विवाद शांत हो जाता तो आज एक मां और तीन मासूम जिंदा होते।

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