INDC Network : शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व से जुड़े एक बड़े फैसले को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद नगर का नाम अब बदलकर ‘परशुरामपुरी’ होगा। यह निर्णय लंबे समय से चर्चाओं में था और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे लेकर गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में साफ किया गया है कि भारत सरकार को इस नाम परिवर्तन पर कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही यूपी सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द से जल्द आधिकारिक राजपत्र (गजट नोटिफिकेशन) जारी करे और नए नाम को देवनागरी, रोमन (अंग्रेजी) व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में अंकित करे। इसके साथ ही, नाम परिवर्तन की सूचना सर्वे ऑफ इंडिया, रेल मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय सहित सभी संबंधित विभागों को भेजी जाएगी।
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद क्षेत्र में खुशी का माहौल है। खासकर सनातन समाज ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह उनके धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ है। क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि भगवान परशुराम के नाम पर नगर का नाम रखा जाना न केवल उनकी आस्था को सम्मान देता है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी गौरव का विषय होगा।
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा कि –
“उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले स्थित जलालाबाद का नाम परिवर्तित कर ‘परशुरामपुरी’ करने की अनुमति देने पर मैं माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी का हार्दिक धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूँ। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का भी आभार। यह निर्णय सम्पूर्ण सनातन समाज के लिए गर्व का क्षण है। भगवान परशुराम जी के चरणों में नमन।”
जितिन प्रसाद ने आगे कहा कि यह निर्णय सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है।
क्षेत्रीय असर और जनभावना
जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी किए जाने के बाद पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों ने कहा कि लंबे समय से इस मांग को लेकर आवाज उठाई जा रही थी और अब जाकर यह पूरी हुई है। मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर विशेष पूजा-पाठ का आयोजन किया जा रहा है।
राजनीतिक तौर पर भी इस निर्णय को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कदम उत्तर प्रदेश की राजनीति और धार्मिक-सांस्कृतिक संतुलन के दृष्टिकोण से अहम साबित हो सकता है।
आगे की प्रक्रिया
अब उत्तर प्रदेश सरकार गजट नोटिफिकेशन जारी करेगी और इसके बाद सभी सरकारी अभिलेखों, नक्शों, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और शैक्षिक संस्थानों में नए नाम ‘परशुरामपुरी’ का आधिकारिक इस्तेमाल शुरू होगा।
यह बदलाव केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक का सम्मान है जो सदियों से भारतीय समाज में पूजनीय रहे हैं।