INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में खेत विवाद ने पकड़ा जातीय रंग, युवती सहित तीन लोग घायल
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में जातीय संघर्ष की एक नई घटना सामने आई है। मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के पुट्टी प्रदुम्मन गांव में खेत की मेड़ और फसल खुदाई को लेकर यादव और शाक्य समुदाय के बीच सोमवार देर शाम विवाद हो गया। यह विवाद देखते ही देखते हिंसक झड़प में तब्दील हो गया, जिसमें शाक्य समाज की एक युवती दीक्षा शाक्य समेत तीन लोग घायल हो गए हैं।
विवाद गाली-गलौज और फिर मारपीट
घटना उस समय घटी जब राम सिंह शाक्य अपने खेत में मूंगफली की खुदाई कर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, उसी समय मानवेन्द्र यादव और उनके कुछ साथी खेत पर पहुंचे और बिना अनुमति के खेत में घुसकर खुदाई रोकने की कोशिश करने लगे। राम सिंह शाक्य द्वारा विरोध जताने पर विवाद गाली-गलौज और फिर मारपीट में बदल गया।
राम सिंह की बेटी दीक्षा शाक्य जब अपने पिता को बचाने आई, तो हमलावरों ने उसे भी लाठी-डंडों से पीटा। दीक्षा को सिर और पीठ में गंभीर चोटें आईं और उसे तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी झड़प में राम सिंह और उनके बुजुर्ग पिता को भी चोटें पहुंची हैं।
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घटना की जानकारी मिलते ही मोहम्मदाबाद थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 191(2), 115(2), और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उपनिरीक्षक अच्छे लाल पाल को मामले की जांच सौंपी गई है।
पुलिस ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। दोनों पक्षों को कड़ी चेतावनी दी गई है और गांव में शांति बनाए रखने की अपील की गई है। क्षेत्रीय चौकी की गश्त भी बढ़ा दी गई है।
शाक्य समाज में भारी आक्रोश
इस घटना को लेकर शाक्य समाज में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। शाक्य समुदाय के लोगों का आरोप है कि यादव समाज की दबंगई पिछले कुछ समय से गांव में लगातार बढ़ रही है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। लोगों ने प्रशासन से तत्काल गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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वहीं, यादव पक्ष की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार वे इसे आपसी कहासुनी का मामला बता रहे हैं। पुलिस ने दोनों पक्षों से बात कर मामले को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश शुरू कर दी है।
यह घटना दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जातीय संघर्ष अब भी जमीन और खेत जैसे मुद्दों को लेकर उभर रहा है। स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऐसे विवादों को समय रहते नियंत्रित करे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
INDC Network की टीम इस मामले पर नजर बनाए हुए है और आगे की कार्रवाई की रिपोर्ट जल्द ही प्रकाशित की जाएगी।