INDC Network : मैनपुरी, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर गुरुवार सुबह रफ्तार का कहर देखने को मिला। करहल थाना क्षेत्र के किलोमीटर संख्या 90 के पास एक तेज रफ्तार कार डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार चार में से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान कानपुर के बड़े कारोबारी सागर कपूर (35 वर्ष) और दिल्ली स्थित वुडको पेंट कंपनी के मैनेजर जितेंद्र आहूजा (45 वर्ष) के रूप में हुई है। जबकि कानपुर निवासी राजेश ओझा (पेंट कंपनी के सेल्स मैनेजर) और उनके मित्र दुर्गा प्रसाद (रेलवे कर्मचारी) गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज सैफई मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
हादसा कैसे हुआ?
पुलिस के मुताबिक, हादसा सुबह करीब 10:30 बजे हुआ। कानपुर के गोविंद नगर निवासी कारोबारी सागर कपूर अपनी किया कार से दिल्ली जा रहे थे। उनके साथ पेंट कंपनी के अधिकारी और उनके परिचित लोग भी थे। गाड़ी तेज रफ्तार में थी और अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
मौके पर मौत, दो गंभीर घायल
कार चला रहे सागर कपूर और उनके बगल में बैठे जितेंद्र आहूजा की मौके पर ही मौत हो गई। पीछे की सीट पर बैठे राजेश ओझा और दुर्गा प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को आनन-फानन में सैफई मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते थे सागर कपूर
सागर कपूर कानपुर के एक प्रतिष्ठित कारोबारी परिवार से थे। वह पेंट, सीमेंट और हार्डवेयर के बड़े व्यापारी थे। उनका कारोबार “सुभाष कपूर एंड संस” नाम से चलता है, जिसे उनके परिवार के लोग लंबे समय से संचालित कर रहे हैं। सागर कपूर अविवाहित थे और अपने परिवार के कारोबार को आगे बढ़ा रहे थे।
कंपनी की मीटिंग के लिए दिल्ली जा रहे थे
हादसे में मारे गए और घायल सभी लोग वुडको पेंट कंपनी से जुड़े थे। जानकारी के अनुसार, कंपनी की मीटिंग दिल्ली में होनी थी, जिसके लिए सागर कपूर, जितेंद्र आहूजा और राजेश ओझा जा रहे थे। दुर्गा प्रसाद, जो रेलवे कर्मचारी हैं, अपने मित्र राजेश ओझा के कहने पर घूमने के इरादे से इस यात्रा में शामिल हुए थे।
पुलिस की कार्रवाई
हादसे की जानकारी मिलते ही एसपी देहात राहुल मिठास पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था की। पुलिस ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में माना जा रहा है कि तेज रफ्तार और अचानक गाड़ी पर से नियंत्रण खोने के कारण यह दुर्घटना हुई।
ग्रामीणों और राहगीरों में दहशत
घटना के बाद एक्सप्रेसवे से गुजर रहे राहगीरों ने क्षतिग्रस्त कार और शवों को देखकर दहशत का माहौल देखा। लोग बताते हैं कि हादसा इतना भयानक था कि कार के परखच्चे चारों ओर बिखर गए थे और शवों की हालत बेहद दर्दनाक थी।
लगातार बढ़ रहे हादसे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर तेज रफ्तार के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। ग्रामीणों और यात्रियों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को हादसों पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।