INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : शमीम हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पाए माफिया अनुपम दुबे के गुर्गे अब सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बौखलाहट ज़ाहिर कर रहे हैं। समर्थकों ने फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग फर्जी आईडी बनाकर भड़काऊ पोस्ट डालीं और गवाहों को अप्रत्यक्ष रूप से धमकाने का काम शुरू कर दिया। इन धमकियों से मुकदमे के गवाहों में दहशत का माहौल बन गया है।
गवाह फज़ल मंसूरी ने दर्ज कराई FIR
जानकारी के अनुसार, शमीम हत्याकांड में गवाह बने फज़ल मंसूरी ने पुलिस को तहरीर देकर शिकायत की कि उन्हें सोशल मीडिया पर लगातार धमकियां दी जा रही हैं। उन्होंने बताया कि “भक्त भोलेनाथ”, “कौशलेंद्र दुबे”, “रामू त्रिपाठी”, “प्रमोद मिश्रा” और “जय शिरी राम” नाम की आईडी से पोस्ट किए गए संदेशों में हत्या का बदला लेने जैसी बातें लिखी गईं। गवाह ने अपनी शिकायत में साफ कहा कि इन धमकियों से वह और उनका परिवार भयभीत है। उन्हें आशंका है कि माफिया के गुर्गे सजा के बाद गवाहों पर दबाव बनाने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं।
उम्रकैद की सजा के बाद सक्रिय हुआ गैंग
गौरतलब है कि माफिया अनुपम दुबे को अदालत ने हाल ही में शमीम हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई है। फैसले के बाद से ही उसके समर्थकों में नाराजगी साफ देखी जा रही है। सोशल मीडिया पर किए गए पोस्टों में उकसाने वाले और धमकी भरे संदेश डाले गए, जिससे माहौल तनावपूर्ण बन गया है।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
फज़ल मंसूरी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। फर्रुखाबाद पुलिस ने बताया कि जिन आईडी से धमकी और भड़काऊ पोस्ट किए गए हैं, उनकी पहचान की जा रही है। आईटी सेल की मदद से उन अकाउंट्स का डाटा खंगाला जा रहा है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही इन आईडी धारकों तक पहुंचा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गवाह सुरक्षा पर उठे सवाल
यह घटना गवाह सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है। ऐसे मामलों में गवाह पहले से ही दबाव और भय में रहते हैं, और यदि उन्हें धमकियां मिलने लगें तो न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को ऐसे गवाहों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए।
प्रशासन हुआ सक्रिय
धमकी भरे पोस्ट सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। फर्रुखाबाद पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि किसी भी सूरत में कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि गवाहों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और यदि जरूरत हुई तो गवाह फज़ल मंसूरी और उनके परिवार को पुलिस सुरक्षा दी जाएगी।
अनुपम दुबे जैसे माफिया को सजा मिलने के बाद यह साफ है कि कानून व्यवस्था का दबदबा कायम है। लेकिन सोशल मीडिया पर मिल रही धमकियों से यह भी उजागर हुआ कि उसके समर्थक अभी भी सक्रिय हैं और न्याय प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इन धमकियों के पीछे कौन लोग हैं और कब तक उन्हें पकड़ पाती है।