INDC Network : फर्रुखाबाद,उत्तर प्रदेश : शमशाबाद ब्लॉक के तराई क्षेत्र के कई गाँव इस समय बाढ़ की भीषण त्रासदी से गुजर रहे हैं। गाँवों तक पहुँचना कठिन हो गया है, सड़कों पर पानी भरा है और लोगों का जीवन संकट में है। ऐसे समय में जब प्रशासन और सरकार की मदद प्रभावित क्षेत्रों तक पर्याप्त रूप से नहीं पहुँच पाई है, मिट्टी खुशबू फाउंडेशन ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए ग्रामीणों की मदद का बीड़ा उठाया है।
संस्था के अध्यक्ष अभिषेक सिंह, प्रबंधक आदित्य कुमार, कोषाध्यक्ष नितिन यादव और कैंप संयोजक प्रवीन कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित गाँव झौआ और गाड़िया समेत आसपास के इलाकों में निःशुल्क मेडिकल कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्तिकेय शुक्ला और संस्था की पूरी टीम मौजूद रही।
इस मेडिकल कैंप में सैकड़ों ग्रामीण पुरुष, महिलाएँ और बच्चे शामिल हुए। चिकित्सकों की टीम ने हर मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण किया और आवश्यकतानुसार दवाइयाँ मुफ्त दी गईं। केवल इलाज ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों को बाढ़ से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के उपाय भी बताए गए। संस्था ने स्पष्ट किया कि यह कैंप सिर्फ दवाइयाँ देने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ग्रामीणों को जागरूक करने और सुरक्षित रखने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

ग्रामीणों ने भारी संख्या में इस कैंप में भाग लिया और संस्था के प्रयासों की सराहना की। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे कठिन समय में जब सरकारी मदद नहीं मिल पा रही है, मिट्टी खुशबू फाउंडेशन ने उनके दरवाजे तक पहुँचकर उन्हें राहत दी है।
संस्था के अध्यक्ष अभिषेक सिंह ने कहा कि मिट्टी खुशबू फाउंडेशन हमेशा समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। “हमारा उद्देश्य सिर्फ राहत पहुँचाना नहीं है, बल्कि समाज में विश्वास जगाना और हर जरूरतमंद तक मदद पहुँचाना है। बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं को देखते हुए यह मेडिकल कैंप हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी थी,” उन्होंने कहा।

संस्था के प्रबंधक आदित्य कुमार ने बताया कि मेडिकल कैंप के माध्यम से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना ही नहीं, बल्कि उन्हें जागरूक करना भी हमारी प्राथमिकता रही। उन्होंने कहा कि बाढ़ के बाद डायरिया, त्वचा रोग और वायरल बीमारियाँ तेजी से फैल सकती हैं, इसलिए लोगों को इनसे बचाव के उपाय समझाना भी जरूरी था।
कोषाध्यक्ष नितिन यादव ने बताया कि दवाइयों और चिकित्सकीय सेवाओं के साथ-साथ मानसिक सहयोग देना भी संस्था का मकसद रहा। “ग्रामीण कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं, ऐसे में उन्हें भरोसा दिलाना और यह संदेश देना कि वे अकेले नहीं हैं, हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना दवाइयाँ उपलब्ध कराना,” उन्होंने कहा।
संयोजक प्रवीन कुमार ने कहा कि यह आयोजन हमें और हमारी संस्था को आगे भी समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। संस्था ने भविष्य में भी इसी तरह प्रभावित क्षेत्रों में मदद पहुँचाने का संकल्प लिया है।
आज का आयोजन मिट्टी खुशबू फाउंडेशन की सेवा भावना और जनता के प्रति संवेदनशीलता का जीवंत उदाहरण बन गया। ग्रामीणों के चेहरों पर लौटती मुस्कान ने यह साबित कर दिया कि सच्ची सेवा वही है जो कठिन समय में दरवाजे तक पहुँचती है।