INDC Network : नई दिल्ली/लखनऊ: दिवाली के त्यौहार के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और उत्तर भारत के बड़े हिस्सों में खतरनाक स्तर पर पहुंचे वायु प्रदूषण के स्तर में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। ताज़ा वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के अनुसार, जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने राहत की साँस ली है, वहीं दिल्ली का जहरीला धुआं अब पूर्व और दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर प्रदेश के कई जिलों को अपनी चपेट में ले रहा है।
लखनऊ में सामान्य हुई स्थिति: दिवाली के बाद बढ़े प्रदूषण के स्तर से जूझ रहे लखनऊ के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, लखनऊ का AQI अब गिरकर 86 पर आ गया है, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी के करीब है और आसपास के कई क्षेत्रों की तुलना में काफी बेहतर है। यह दर्शाता है कि स्थानीय हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

दिल्ली-एनसीआर में गंभीर प्रदूषण बरक़रार, यूपी की ओर बढ़ा ख़तरा: राजधानी नई दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अब भी बेहद चिंताजनक बना हुआ है, जहाँ AQI 329 से 330 के आस-पास है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। चिंता की बात यह है कि यह सघन प्रदूषण अब उत्तर प्रदेश के घनी आबादी वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है।
प्रदूषण की इस मार से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले यूपी के जिले अब नई दिल्ली के आसपास केंद्रित एवं उत्तर प्रदेश के स्थान हैं। AQI के कुछ प्रमुख आँकड़े इस प्रकार हैं:
शहर/स्थान का नाम | जिला (अनुमानित/दिए गए नाम) | वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) | AQI की श्रेणी |
दादरी | गौतम बुद्ध नगर | 347 | बहुत खराब |
शिकारपुर | बुलंदशहर | 348 | बहुत खराब |
बुलंदशहर | बुलंदशहर | 348 | बहुत खराब |
खैर | अलीगढ़ | 347 | बहुत खराब |
अतरौली | अलीगढ़ | 345 | बहुत खराब |
कोइल | अलीगढ़ | 345 | बहुत खराब |
मेरठ | मेरठ | 335 | बहुत खराब |
हाथरस | हाथरस | 333 | बहुत खराब |
सियाना | बुलंदशहर | 329 | बहुत खराब |
अनूपशहर | बुलंदशहर | 328 | बहुत खराब |
बाबराला | संभल | 325 | बहुत खराब |
मथुरा | मथुरा | 321 | बहुत खराब |
आगरा | आगरा | 312 | बहुत खराब |
जसराणा | फ़िरोज़ाबाद/आसपास | 312 | बहुत खराब |
मैनपुरी | मैनपुरी | 302 | बहुत खराब |
भोजपुर | मुरादाबाद/आसपास | 300 | बहुत खराब |
बदायूं सदर | बदायूं | 294 | बहुत खराब |
संभल | संभल | 298 | बहुत खराब |
अमरोहा | अमरोहा | 286 | बहुत खराब |
कानपुर देहात | कानपुर देहात | 154 | मध्यम |
कानपुर | कानपुर नगर | 120 | मध्यम |
कुरुआली | मैनपुरी/आसपास | 305 | बहुत खराब |
शिकोहाबाद | फ़िरोज़ाबाद/आसपास | 277 | बहुत खराब |
औरैया | औरैया | 221 | बहुत खराब |
फर्रुखाबाद | फर्रुखाबाद | 253 | बहुत खराब |
बरेली | बरेली | 242 | बहुत खराब |
पीलीभीत | पीलीभीत | 181 | मध्यम |
उधम सिंह नगर (UK) | उत्तराखंड | 119 | मध्यम |
लखनऊ | लखनऊ | 86 | संतोषजनक |
यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि नई दिल्ली और उससे लगे हरियाणा के क्षेत्रों से उठा प्रदूषण अब उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में फैल रहा है, जिससे गौतम बुद्ध नगर (Dadri), हाथरस, बुलंदशहर, मैनपुरी, और फर्रुखाबाद जैसे जिले गंभीर वायु संकट का सामना कर रहे हैं।
पंजाब-हरियाणा का धुआं पाकिस्तान की ओर: दिवाली के दौरान हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने और पटाखों से उत्पन्न हुए उच्च वायु प्रदूषण ने हवा के साथ रुख बदला था। AQI मैप से यह स्पष्ट होता है कि इन क्षेत्रों का सघन प्रदूषण (जैसे रावलपिंडी में 81 के मुकाबले मुल्तान में 306) पाकिस्तान के बड़े शहरों, जैसे कि लाहौर और मुल्तान, की ओर चला गया था, जहाँ मुल्तान में AQI 306 तक दर्ज किया गया। तेज हवाओं ने इस प्रदूषण को सीमा पार धकेल दिया, जिससे भारतीय पंजाब और हरियाणा में थोड़ी राहत मिली, लेकिन पड़ोसी देश के शहरों में वायु की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुँच गई।
राजस्थान में प्रदूषण कम पर निगरानी ज़रूरी: जबकि उत्तर प्रदेश के जिलों में प्रदूषण बढ़ रहा है, राजस्थान के प्रमुख शहरों में AQI तुलनात्मक रूप से बेहतर दिख रहा है। जयपुर का AQI 219 और झालवाड़ का 148 है। हालांकि, नई दिल्ली के प्रदूषण का कुछ असर राजस्थान के पूर्वी हिस्सों की ओर भी बढ़ता हुआ दिख रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के जिलों की तुलना में यहाँ अभी स्थिति कम गंभीर है।
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