INDC Network : बिजनौर, उत्तर प्रदेश : बिजनौर (उत्तर प्रदेश)। रविवार देर रात गंगा नदी के किनारे रावली बैराज के पास बने तटबंध में भारी कटान के कारण अचानक तबाही का मंजर उभर आया। इस हादसे ने बिजनौर के खादर क्षेत्र में 15 से अधिक गांवों को बाढ़ की चपेट में लाकर रखा, जबकि मेरठ-पौड़ी नेशनल हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया।
अचानक बढ़ी गंगा की तेज धारा और कटान की प्रक्रिया के चलते रविवार रात लगभग पौने 12 बजे तटबंध फट पड़ा। प्रशासन ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया, लेकिन तेज बहाव के सामने यह प्रयास पर्याप्त नहीं रहे। दोपहर एक बजे तक तटबंध 500 मीटर तक बुरी तरह कट चुका था, जिससे आसपास के गांवों में पानी तेजी से बढ़ने लगा।
रिकॉर्ड किए गए अनुसार, बड़कला, धर्मनगरी, घासीवाला, नवलपुर, हेमराज, चांदपुर नौआबाद, रावली, बेगावाला सहित आधा बिजनौर शहर बाढ़ की चपेट में आने लगा। प्रशासन ने इन गांवों को तत्काल खाली करवाने का अलर्ट जारी किया।
प्रशासन की कार्यवाही
हाईवे बंदी: मेरठ-पौड़ी हाईवे पर रोडवेज बस और भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। वाहनों को गजरौला मार्ग से डायवर्ट किया जा रहा है।
राहत कार्य: एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें मोर्चे पर हैं। डीएम और स्थानीय प्रशासन लगातार मौके पर निरीक्षण कर रहे हैं।
ग्रामीणों का विस्थापन: प्रभावित गांवों में मुनादी कर लोगों को अलर्ट किया गया। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।
भाकियू नेता दिगंबर सिंह ने प्रशासन की पहल को “ढाई दिन में 300 मीटर तटबंध बचाने में असफल” करार दिया और कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई होती तो समूचा बिजनौर बच सकता था। वहीं पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह ने शासन स्तर पर तटबंध सुरक्षा के लिए तेज़ी से वार्ता की बात कही।
विशेषज्ञों का कहना है कि कटान तीव्र है और यदि नियंत्रण न हुआ तो खादर क्षेत्र में व्यापक तबाही हो सकती है। मरम्मत में हफ्तों का समय लग सकता है, लेकिन ग्रामीणों की आजीविका और सुरक्षा पहले से गंभीर संकट में है।