INDC Network : बिलासपुर, छत्तीसगढ़ : बिलासपुर ट्रेन हादसा: कैसे हुई टक्कर, कितने लोग मारे गए, जानें अब तक के सभी अपडेट्स
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम हावड़ा रूट पर एक बड़ा रेल हादसा हुआ जिसने पूरे देश को झकझोर दिया। यह हादसा लालखदान स्टेशन के पास हुआ, जहां एक मेमू लोकल ट्रेन ने खड़ी मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि लोकल ट्रेन की पहली बोगी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और मालगाड़ी की अंतिम बोगी के ऊपर चढ़ गई।
बिलासपुर जिला प्रशासन और रेलवे विभाग के अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया। इस दुर्घटना में अब तक 8 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हैं। मौके पर बचाव कार्य लगातार जारी है।
कैसे हुआ यह हादसा?
बिलासपुर के कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बताया कि मंगलवार को एक लोकल मेमू यात्री ट्रेन कोरबा जिले के गेवरा रेलवे स्टेशन से बिलासपुर के लिए रवाना हुई थी। शाम लगभग चार बजे, जब यह ट्रेन गतौरा और बिलासपुर स्टेशन के बीच पहुंची, तब उसने सामने खड़ी एक मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी।
टक्कर के बाद यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग ट्रेन की बोगियों में फंस गए थे। राहत दल ने मौके पर पहुंचकर गैस कटर की मदद से फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकाला।

मृतकों और घायलों की स्थिति
कलेक्टर अग्रवाल ने पुष्टि की कि इस हादसे में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 14 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। सभी घायलों को अपोलो अस्पताल, छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CM Medical College) और अन्य नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
अपोलो अस्पताल में भर्ती एक यात्री की हालत गंभीर बनी हुई है।
हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए
रेलवे प्रशासन ने राहत कार्यों के साथ-साथ 6 स्टेशनों के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं ताकि यात्री और उनके परिजन जानकारी प्राप्त कर सकें।
| स्टेशन | हेल्पलाइन नंबर |
|---|---|
| बिलासपुर | 7777857335, 7869953330 |
| चांपा | 8085956528 |
| रायगढ़ | 9752485600 |
| पेंड्रा रोड | 8294730162 |
| उसलापुर | 7777857338 |
| कोरबा | 7869953330 |
| रायपुर हेल्प डेस्क | 7777814132 |
| आपातकालीन सहायता (रेलवे सूचना) | 1702 |
रेलवे के सीनियर डीसीएम अनुराग सिंह ने कहा कि जिन यात्रियों के परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, वे 1702 नंबर पर कॉल कर जानकारी प्राप्त करें।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिल्ली से घटना की समीक्षा की और राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए।
रेलवे की ओर से मृतकों और घायलों के लिए मुआवजा घोषित किया गया है:
| श्रेणी | मुआवजा राशि |
|---|---|
| मृतक के परिजनों को | ₹10 लाख |
| गंभीर रूप से घायल यात्री | ₹5 लाख |
| सामान्य रूप से घायल यात्री | ₹1 लाख |
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है और क्षतिग्रस्त बोगियों को हटाने के लिए 140 टन का ब्रेक डाउन क्रेन लगाया गया है।

रेल हादसे के बाद रेलवे की टीम ने तुरंत डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया है।
रेलवे इंजीनियरिंग विभाग ने बताया कि ट्रैक की मरम्मत, सफाई और पुनर्स्थापना का काम तेज़ी से किया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द सामान्य संचालन बहाल हो सके।
हादसे के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दुर्घटना को अत्यंत दु:खद बताया और कहा कि “राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ है। बिलासपुर जिला प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में हरसंभव सहायता करने के निर्देश दिए गए हैं।”
उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा ने भी घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। विजय शर्मा ने कहा कि “सरकार द्वारा प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। ईश्वर इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों को शक्ति प्रदान करें।”
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद वहां भयावह स्थिति थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कई यात्री ट्रेन के भीतर फंस गए। स्थानीय लोगों और पुलिस ने मिलकर राहत दल की मदद की। रेलवे और एनडीआरएफ टीम ने गैस कटर, मेडिकल यूनिट्स, और एंबुलेंस की मदद से लगातार यात्रियों को निकालने का काम किया।
मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि लोकल ट्रेन की पहली बोगी पूरी तरह मालगाड़ी की बोगी के ऊपर चढ़ गई थी। दो यात्रियों के अब भी फंसे होने की संभावना जताई जा रही थी, जिन्हें निकालने के प्रयास जारी थे।
रेल प्रशासन ने इस घटना की जांच के लिए रेलवे सुरक्षा आयुक्त स्तर पर जांच के आदेश जारी किए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारी तय की जाएगी और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
रेल हादसे की खबर सामने आने के बाद पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। सोशल मीडिया पर लोग अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं। रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर फिर सवाल उठ रहे हैं। कई संगठनों ने रेलवे सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की मांग की है।
रात तक राहत कार्य जारी रहा। प्रशासन ने कहा कि सभी घायलों को चिकित्सा सहायता दी जा रही है और किसी भी यात्री को असहाय नहीं छोड़ा जाएगा। रेलवे ट्रैफिक को सामान्य करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच, रेलवे के अधिकारी यात्रियों और उनके परिजनों से अपील कर रहे हैं कि घबराएं नहीं, और हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क बनाए रखें।
घटना का सारांश तालिका में:
| विवरण | जानकारी |
|---|---|
| घटना का स्थान | लालखदान, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ |
| घटना की तारीख | मंगलवार (हाल की घटना) |
| संलिप्त ट्रेनें | मेमू लोकल ट्रेन और खड़ी मालगाड़ी |
| समय | शाम लगभग 4 बजे |
| मृतक | 8 |
| घायल | 25+ |
| मुख्य कारण (प्रारंभिक) | मेमू ट्रेन द्वारा मालगाड़ी को पीछे से टक्कर |
| मुआवजा राशि | मृतकों के लिए ₹10 लाख, गंभीर घायल ₹5 लाख, सामान्य घायल ₹1 लाख |
| मुख्य अस्पताल | अपोलो अस्पताल, CIMS, अन्य स्थानीय अस्पताल |
| जांच एजेंसी | रेलवे सुरक्षा आयुक्त |
बिलासपुर रेल हादसा भारत में रेल सुरक्षा पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जहां एक तरफ रेलवे प्रशासन ने त्वरित राहत और बचाव कार्य किए हैं, वहीं दूसरी ओर यह हादसा बताता है कि तकनीकी सतर्कता और मानवीय लापरवाही के बीच सुधार की अभी भी बड़ी गुंजाइश है।
राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने मिलकर राहत पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली है और अब उम्मीद है कि इस हादसे से सीख लेकर भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
















