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दीवाली के बाद दिल्ली में सांसें हुईं भारी, सबसे प्रदूषित इलाके बने बवाना और वजीरपुर

INDC Network : दीवाली के अगले ही दिन दिल्ली की हवा और ज़हरीली हो गई। मंगलवार सुबह राजधानी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 350 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। कई इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्तर तक पहुँच गई।

दिल्ली के सबसे प्रदूषित 10 इलाके (21 अक्टूबर, सुबह 8 बजे तक)

क्रमांकक्षेत्र (Area)AQIश्रेणी (Category)
1बवाना (Bawana)427गंभीर (Severe)
2वजीरपुर (Wazirpur)408गंभीर (Severe)
3अलीपुर (Alipur)408गंभीर (Severe)
4जहांगीरपुरी (Jahangirpuri)407गंभीर (Severe)
5बुराड़ी क्रॉसिंग (Burari Crossing)402गंभीर (Severe)
6शादिपुर (Shadipur)399बहुत खराब (Very Poor)
7अशोक विहार (Ashok Vihar)391बहुत खराब (Very Poor)
8पंजाबी बाग (Punjabi Bagh)376बहुत खराब (Very Poor)
9सोनिया विहार (Sonia Vihar)374बहुत खराब (Very Poor)
10विवेक विहार (Vivek Vihar)374बहुत खराब (Very Poor)

दिल्ली की दमघोंटू सुबह: दीवाली के बाद हवा में जहर बढ़ा

दीवाली के अगले ही दिन दिल्ली की हवा और जहरीली हो गई है। सुबह जब लोग अपने घरों से निकले, तो शहर धुंध और धुएं की मोटी परत में लिपटा हुआ नजर आया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली का समग्र AQI 350 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।

दिल्ली के कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI का स्तर 400 के पार पहुँच गया, जो ‘गंभीर’ स्थिति को दर्शाता है। इनमें सबसे अधिक प्रदूषित इलाका बवाना रहा, जहाँ AQI 427 दर्ज किया गया। इसके बाद वजीरपुर और अलीपुर दोनों में AQI 408 मापा गया।


💨 अन्य इलाकों में भी बिगड़ी वायु गुणवत्ता

केवल ये दस इलाके ही नहीं, बल्कि दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई।

  • ITO में AQI 347,
  • JLN स्टेडियम में 318,
  • लोधी रोड में 327,
  • आनंद विहार में 360,
  • ओखला फेज-2 में 353,
  • दिलशाद गार्डन में 357,
  • और दिल्ली विश्वविद्यालय नॉर्थ कैंपस में 363 दर्ज किया गया।

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) पर भी AQI 313 रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।


दीवाली के बाद बढ़ता प्रदूषण – हर साल की समस्या

हर वर्ष दीवाली के आसपास दिल्ली की वायु गुणवत्ता तेजी से गिरती है। इस साल भी वही स्थिति देखने को मिली। त्योहार के दिन आतिशबाजी के कारण प्रदूषण स्तर और बढ़ गया, जिससे अगले दिन सुबह हवा और अधिक जहरीली हो गई हालांकि, ग्रेडेड एक्शन रिस्पॉन्स प्लान (GRAP-2) पहले से लागू था, लेकिन प्रदूषण के स्तर को रोकना संभव नहीं हो सका।


सुप्रीम कोर्ट की ‘ग्रीन पटाखों’ पर सशर्त अनुमति

इस बार सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में ‘ग्रीन पटाखों’ के उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन इसके साथ कई शर्तें भी रखीं। पटाखों की बिक्री केवल NCR क्षेत्र के अंदर ही मान्य थी और उपयोग का समय सीमित — शाम 6–7 बजे और 8–10 बजे तक तय किया गया। कोर्ट ने इसे एक “संतुलित कदम” बताया ताकि त्योहार की खुशी और पर्यावरण की सुरक्षा दोनों बनी रहें।


दिल्ली की हवा को बचाने की चुनौती

अब जबकि सर्दी शुरू हो चुकी है, प्रदूषण के स्तर में और वृद्धि की आशंका है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ मौसमी कदम नहीं, बल्कि दीर्घकालिक नीतियों और जनजागरूकता की सख्त जरूरत है।

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