INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद में 26 वर्ष पुराने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में आखिरकार अदालत का फैसला आ गया है। नवाबगंज थाना क्षेत्र में वर्ष 1998 में दर्ज इस मामले में अदालत ने आरोपी उमेश को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। वहीं इस केस के दूसरे आरोपी फूल सिंह की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है।
यह मामला नवाबगंज थाने में 30 सितंबर 1998 को दर्ज हुआ था। तत्कालीन थाना प्रभारी सुरेश कुमार सिंह ने FIR दर्ज कराते हुए बताया था कि करनपुर गंगतारा गांव निवासी फूल सिंह और शमसाबाद क्षेत्र के अद्दूपुर गांव निवासी उमेश मिलकर एक गिरोह का संचालन करते थे। उनके ऊपर आरोप था कि वे संगठित रूप से आपराधिक गतिविधियां अंजाम देकर क्षेत्र में भय का माहौल बनाते थे।
इन दोनों पर गैंग बनाकर क्षेत्रीय जनता में दहशत फैलाने, अपराधों को अंजाम देने और कानून व्यवस्था को चुनौती देने का गंभीर आरोप लगा था। पुलिस जांच के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया।
इस मुकदमे की सुनवाई विशेष गैंगस्टर न्यायालय में चल रही थी। एडीजीसी (अपर जिला शासकीय अधिवक्ता) शैलेश कुमार सिंह और भानुप्रकाश मिश्रा ने अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी की, जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने आरोपी उमेश को निर्दोष साबित करने की भरपूर कोशिश की।
विशेष गैंगस्टर न्यायाधीश रितिका त्यागी ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद उमेश को दोषी करार दिया और न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। अब 11 अगस्त 2025 को अदालत यह फैसला सुनाएगी कि दोषी उमेश को कितनी सजा दी जाए।
गौरतलब है कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी फूल सिंह की मौत हो गई थी, जिसके बाद उसके खिलाफ कार्यवाही समाप्त कर दी गई।
यह फैसला न केवल फर्रुखाबाद बल्कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के लिए भी संदेश है कि अपराध चाहे जितना पुराना क्यों न हो, कानून का शिकंजा देर-सवेर जरूर कसता है।