INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद जिले में गंगा नदी का जलस्तर 136.60 मीटर पर पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु है। नरौरा बांध से 77,369 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंगा में कटान और बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। सैदापुर जैसे गांवों की ज़मीन अब गंगा से महज 200 मीटर दूर रह गई है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर राहत उपायों के निर्देश दिए हैं।
गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से फर्रूखाबाद जनपद के कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। 2 अगस्त को प्राप्त INDC Network की रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर 15 सेंटीमीटर की वृद्धि के बाद चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर पर पहुंच गया है। यह स्थिति नरौरा बांध से 77,369 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण उत्पन्न हुई है।
इस जलस्तर में वृद्धि के साथ ही गंगा के किनारे बसे गाँवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। खेतों में पानी भरने लगा है, और कई स्थानों पर घर तक जलमग्न हो चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार गंगा का पानी अब उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में बाधा बन रहा है, और स्थिति दिन व दिन खराब होती जा रही है।
गांवों में कटान से बढ़ी चिंता
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण सिर्फ बाढ़ नहीं, बल्कि जमीन का कटान भी तेजी से हो रहा है। ग्राम सैदापुर, जो पहले गंगा से लगभग 1 किलोमीटर दूर था, अब केवल 200 मीटर की दूरी पर है।
INDC Network की रिपोर्ट बताती है कि यहां तेज कटान के चलते अगर यही हालात रहे तो आने वाले कुछ दिनों में पक्के मकान भी गंगा में समा सकते हैं। ग्रामीण बेहद डरे और सहमे हुए हैं।
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प्रशासन का दौरा और राहत कार्य
फर्रूखाबाद के जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने पंखियन की मड़ैया (तहसील सदर) और तीसराम की मड़ैया (तहसील अमृतपुर) का दौरा कर ग्रामीणों से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने:
- सिंचाई विभाग को कटान से बचाव के लिए तत्काल और प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए।
- उपजिलाधिकारी को नावों व नाविकों की व्यवस्था के निर्देश दिए।
- बाढ़ राहत शरणालयों व चौकियों पर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा।
- चिकित्सा विभाग को आवश्यक दवाओं व डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
प्रशासन का दावा है कि सभी संबंधित विभागों को आपातकालीन प्रतिक्रिया मोड में रखा गया है ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके।
ग्रामीणों की पीड़ा और उम्मीद
गांवों में रहने वाले लोगों की चिंता अब डर में बदल रही है। सैदापुर, पट्टी भरका, पट्टी दारापुर जैसे गांवों के लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। कुछ घरों में पानी घुस चुका है तो कुछ का आधार ही कटान के कारण खिसक रहा है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन अस्थायी राहत की बजाय स्थायी समाधान दे, ताकि हर साल उन्हें इस संकट से न जूझना पड़े।
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गंगा नदी की इस उफान ने फर्रूखाबाद के कई गांवों को संकट में डाल दिया है। कटान और बाढ़ ने लोगों के आशियाने पर खतरा खड़ा कर दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन की राहत योजनाएं कितना असर दिखा पाती हैं और कब तक यह संकट टलता है। INDC Network की टीम इस पर लगातार नज़र बनाए हुए है।
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