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यमन की राजधानी सना पर इजरायल का हमला, हौथी प्रधानमंत्री समेत कई मंत्री मारे गए, जानिए क्या है पूरा मामला

INDC Network : यमन : यमन की राजधानी सना में इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमले ने पूरे क्षेत्र में तनाव और उथल-पुथल मचा दी है। हौथी समूह ने शनिवार को पुष्टि की कि इस हमले में उनके प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी की मौत हो गई है। गुरुवार को हुए इस हमले में “कई अन्य मंत्री” भी मारे गए, हालांकि उनकी सटीक संख्या अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है।

हौथी सरकार को बड़ा झटका

हौथी नेतृत्व ने एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अहमद ग़ालिब अल-रहावी अपने कई सहयोगियों के साथ शहीद हुए। अल-रहावी हौथी नियंत्रित क्षेत्रों में “गवर्नमेंट ऑफ चेंज एंड कंस्ट्रक्शन” के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत थे। यह हमला उस समय हुआ जब प्रधानमंत्री और उनके मंत्री एक कार्यशाला में मौजूद थे।

हौथी सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल के अध्यक्ष महदी अल-मशात ने अपने वीडियो संदेश में इस हमले की कड़ी निंदा की और इजरायल से बदला लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम बदला लेंगे और इन शहादतों से विजय की राह बनाएंगे।”

इजरायल की दलील और क्षेत्रीय तनाव

इजरायली सेना ने कहा कि उसने सना में एक “हौथी आतंकी शासन के सैन्य ठिकाने” पर हमला किया। हालांकि, स्थानीय सूत्रों का दावा है कि इस हमले का असली निशाना हौथी सरकार की कैबिनेट थी। इजरायली मीडिया ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी कि प्रधानमंत्री के अलावा कम से कम 12 अन्य मंत्री भी इस हमले में मारे गए।

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब इजरायल और हौथियों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। हौथी संगठन ने हाल ही में दक्षिणी इजरायल पर मिसाइल हमले की जिम्मेदारी ली थी, हालांकि इजरायली सुरक्षा बलों ने उसे इंटरसेप्ट कर लिया।

गाजा के समर्थन में हौथी अभियान

हौथी विद्रोही लंबे समय से गाजा के फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल और पश्चिमी जहाजों पर हमले कर रहे हैं। लाल सागर और अदन की खाड़ी में हौथियों के हमलों ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार को भी प्रभावित किया है। हौथियों का कहना है कि इजरायल के लगातार हवाई हमले उनके सैन्य अभियानों को रोक नहीं पाएंगे और उनका संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक गाजा से घेराबंदी और हमले खत्म नहीं हो जाते।

पिछले हमले और बढ़ता खतरा

इससे चार दिन पहले यानी 24 अगस्त को भी इजरायल ने सना में एयरस्ट्राइक की थी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी और 90 से अधिक घायल हुए थे। अब प्रधानमंत्री और मंत्रियों की मौत से यह साफ हो गया है कि इजरायल ने हौथी नेतृत्व को सीधा निशाना बनाना शुरू कर दिया है।

हौथी नेतृत्व की प्रतिक्रिया

हौथी राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि सरकार और उसकी संस्थाएं इस हमले के बावजूद अपनी जिम्मेदारियां निभाती रहेंगी। उनके बयान में कहा गया, “महान शहीदों का खून हमारे लिए ईंधन और प्रेरणा बनेगा, ताकि हम उसी राह पर चलते रहें।”

महदी अल-मशात ने यह भी दोहराया कि हौथी अपनी सशस्त्र सेनाओं को और मजबूत करेंगे और गाजा के लोगों के साथ उनकी स्थिति अडिग है।

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