INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : थाना क्षेत्र के गाँव पचपुखरा व पोस्ट पचपुखरा में इन दिनों तेज बुखार ने आतंक मचा रखा है। स्थिति यह है कि लगभग हर घर में दो से चार लोग बुखार से पीड़ित हैं। कई दिनों से चल रही बीमारी से ग्रामीणों में भय और चिंता का माहौल है। इलाज कराने के बाद भी विशेष राहत न मिलने पर आज ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), फर्रुखाबाद को आवेदन सौंपकर तत्काल चिकित्सा शिविर लगाने की मांग की।
ग्राम प्रधान माया देवी द्वारा भेजे गए इस आवेदन में स्पष्ट लिखा है कि गाँव में तेजी से बुखार फैल रहा है और मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई लोग दिनों से बिस्तर पर हैं, लेकिन बीमारी पर कोई काबू नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सामान्य बुखार नहीं है, बल्कि किसी बड़े संक्रमण का संकेत हो सकता है।
दैवीय प्रकोप की अफवाहों ने बढ़ाई समस्या
बीमारी के लगातार बढ़ने और रोकथाम न होने की स्थिति में गाँव में कुछ लोग इसे दैवीय प्रकोप मानने लगे हैं। अंधविश्वास की वजह से कुछ परिवार मरीजों को भूत-प्रेत या भगत के पास ले जा रहे हैं। इससे न केवल रोगियों का सही इलाज रुक रहा है, बल्कि बीमारी भी बढ़ती जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि— “कई घरों में लोग इसे देवी-देवता का प्रकोप समझ रहे हैं… भगत बुलाए जा रहे हैं। इससे बीमारी कम नहीं हो रही बल्कि हालत बिगड़ रही है।”
गाँव वालों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है—
गाँव में त्वरित चिकित्सा टीम भेजी जाए, बीमारी की जाँच की जाए (डेंगू, वायरल फीवर आदि), पानी की गुणवत्ता की टेस्टिंग कराई जाए, दवाइयों व जागरूकता अभियान चलाया जाए

ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टरों की टीम गाँव में कैंप लगाकर जांच करेगी, तभी बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। आज CMO को सौंपे गए ज्ञापन पर गाँव के कई प्रमुख लोगों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें राजकुमार शाक्य(बाबू), कालीचरण शाक्य, धीरू सक्सेना, मनोज कुमार, संजय सिंह, कुलदीप सिंह, विजयलक्ष्मी, सहेजान मंसूरी, मोहम्मद रफीक, सरोजनी देवी, सर्वेश कुमार, मालती, राहुल सिंह चौहान, गुड्डू, शमी आलम, शिवम, सतेन्द्र सिंह, महेशचंद्र, हरिओम, आदेश कुमार, महिपाल, खलील, बबलू सहित कई ग्रामीण शामिल रहे।
बीमारी का असली कारण क्या हो सकता है? : स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार हाल के दिनों में कई गाँवों में— दूषित पेयजल, वायरल संक्रमण, मच्छरों की बढ़ती संख्या, अमोनिया/नाइट्रोजन युक्त पानी जैसे कारणों से बुखार तेजी से फैल रहा है। इस संबंध में गाँव में पानी के नमूने लेकर टेस्ट कराए जाने की जरूरत है।
अंधविश्वास से बढ़ रही समस्या : डॉक्टरों का कहना है कि बीमारी को “दैवीय प्रकोप” मानना खतरनाक है। सही समय पर इलाज न मिलने से मरीजों की हालत बिगड़ सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने भी कई बार अपील की है कि बीमारी फैलने पर पहले चिकित्सा जांच कराएँ, न कि पाखंडियों के चक्कर में पड़ें।
ग्रामीणों की उम्मीद CMO से : गाँव के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि CMO जल्द ही चिकित्सा टीम भेजकर बीमारी की जाँच और इलाज की व्यवस्था करेंगे, जिससे स्थिति सामान्य हो सके।



















