INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जनपद की पट्टी प्रद्युमन गांव में हाल ही में घटी एक दुखद और निंदनीय घटना में शाक्य समाज की दो बेटियों पर हुए हमले ने पूरे जिले को हिला कर रख दिया। इस घटना के बाद जिले के प्रतिष्ठित सामाजिक संगठन तथागत संभ्रात नागरिक सामाजिक संगठन ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए सहायता और साथ देने का वादा किया है।
इस मौके पर अध्यक्ष शिव कुमार शाक्य, उपाध्यक्ष सुभाष चंद्र शाक्य एडवोकेट, मीडिया प्रभारी आनंद भान शाक्य, जिला सचिव संतोष कुमार शाक्य, महिला जिला अध्यक्ष सुमन शाक्य, महासचिव हिमसेन शाक्य, अवनीश शाक्य और अन्य सदस्य उपस्थित रहे। पदाधिकारीगण एवं सहयोगी सदस्यों ने गुरुवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया जिला अस्पताल पहुंचकर घायल बेटियों और उनके माता-पिता से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को ₹11,500 की आर्थिक सहायता का चेक भेंट किया, साथ ही भरोसा दिलाया कि “हम हर परिस्थिति में आपके साथ हैं और बेटी को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
सभी सदस्यों ने पीड़ित राम सिंह शाक्य, उनकी पत्नी सीमा देवी, और पुत्री शालू शाक्य से घटना की पूरी जानकारी ली और बेटी की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की। साथ ही संगठन ने भविष्य में भी हर आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
पीड़ित परिवार ने बताया कि जब वे रिपोर्ट दर्ज कराने कोतवाली मोहम्मदाबाद पहुंचे, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि यह मामला मऊदरवाजा थाने का है। महिला पीड़िता सुधा ने यह भी बताया कि “हमलावर मानवेन्द्र यादव को पकड़ लिया गया था, पर पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। उल्टा हमें तीन घंटे तक थाने में बिठा कर रखा गया।”
राम सिंह शाक्य ने यह भी बताया कि पुलिस ने स्वयं रिपोर्ट तैयार कर उनसे हस्ताक्षर करवा लिए, जबकि घायल बेटी को सीएचसी भेजा गया। जब वहां की हालत गंभीर लगी तो उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से फिर मोहम्मदाबाद लौटने की सलाह दी गई।
पीड़ित परिवार की स्थिति
राम सिंह शाक्य ने कहा, “हमारे पास सिर्फ तीन बीघा जमीन है। बड़ी बेटी की पहले ही शादी हो चुकी है। अब यह दूसरी बेटी की शादी की तैयारी चल रही थी, तभी यह दुखद घटना हो गई।”
उन्होंने बताया कि बेटी के सिर में गंभीर चोटें हैं, वह अभी भी पूरी तरह से होश में नहीं है और ना ही सामान्य रूप से बोल पा रही है। परिवार का कहना है कि उन्हें न चिकित्सा से संतोषजनक सहायता मिल रही है और न प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा या न्याय का आश्वासन मिला है।
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संगठन का संदेश
अवनीश शाक्य ने कहा –
“हम राजनीति नहीं, इंसानियत और समाज के साथ खड़े होने में विश्वास करते हैं। यह घटना केवल एक परिवार पर हमला नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन पर हमला है। हम न्याय मिलने तक परिवार के साथ खड़े रहेंगे।”
फर्रुखाबाद की यह घटना केवल कानून-व्यवस्था की विफलता ही नहीं दिखाती, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि जब तक सामाजिक संगठन और जागरूक नागरिक आगे नहीं आते, तब तक पीड़ितों को न्याय मिलना कठिन हो सकता है। तथागत संभ्रात नागरिक संगठन की यह पहल बाकी संस्थाओं के लिए एक प्रेरणा है कि मानवता ही सबसे बड़ी सेवा है।