INDC Network : नई दिल्ली | INDC Network : देश भर के लाखों प्रतियोगी परीक्षार्थियों में इस समय भारी गुस्सा है। कारण है SSC (Staff Selection Commission) की चयन पोस्ट फेज 13 भर्ती परीक्षा, जो 24 जुलाई से शुरू होकर 1 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन शुरू होते ही यह कई तकनीकी गड़बड़ियों, रद्द किए गए शिफ्टों और खराब इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण विवादों में घिर गई है।
परीक्षार्थियों का आरोप है कि SSC की ओर से जिस निजी कंपनी को परीक्षा प्रबंधन की ज़िम्मेदारी दी गई है, उसने भारी लापरवाही की है। #SSCVendorFailure नाम से हैशटैग पूरे देश में सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।
परीक्षा रद्द, सेंटरों पर अफरा-तफरी
उत्तर प्रदेश से लेकर कर्नाटक तक के दर्जनों सेंटरों से छात्रों ने शिकायत की है कि उन्हें परीक्षा देने सेंटर तक बुलाया गया लेकिन वहाँ पहुँचने के बाद उन्हें बताया गया कि परीक्षा रद्द कर दी गई है।
उदाहरण के तौर पर, पवन गंगा एजुकेशनल सेंटर 2 में 24 से 26 जुलाई तक की परीक्षाएं “प्रशासनिक कारणों” से रद्द कर दी गईं। वहीं, हुब्बली स्थित एजुकेशन इंटरनेशनल सेंटर में 24 जुलाई की पहली पाली तकनीकी खराबी के कारण बीच में ही रोक दी गई।
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खराब इंफ्रास्ट्रक्चर और बुनियादी सुविधाओं की कमी
छात्रों ने बताया कि कई सेंटरों में कंप्यूटर काम नहीं कर रहे थे, पंखे खराब थे, कुर्सियाँ टूटी हुई थीं और वॉशरूम तक की सुविधा नहीं थी।
कुछ छात्रों को उनके घर से 500–1000 किलोमीटर दूर के सेंटर मिल गए, जिससे उन्हें मानसिक और आर्थिक दोनों बोझ झेलना पड़ा।
छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर उठाई आवाज़
इस बार सिर्फ छात्र ही नहीं, बल्कि कई शिक्षक संगठन भी विरोध में शामिल हुए हैं। दिल्ली के लोधी रोड स्थित SSC मुख्यालय के बाहर हज़ारों छात्र-शिक्षक इकठ्ठा हुए। इनका कहना था कि वे शांतिपूर्वक अपनी बात रख रहे हैं, लेकिन पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और गिरफ्तारी जैसे कदम उठाए जा रहे हैं।
एक शिक्षक ने कहा –
“जो लोग समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं, वही आज लाठी खाकर अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। यह लोकतंत्र की हत्या है।”
पुलिस की कार्रवाई से बढ़ा तनाव
पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज की घटनाओं ने तनाव और गुस्से को और बढ़ा दिया है। कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया और इससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकार व प्रशासन छात्रों और शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से ले रहे हैं?
“दिल्ली चलो” आंदोलन की घोषणा
छात्र संगठनों ने अब 31 जुलाई को दिल्ली में बड़े विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। इस प्रदर्शन में SSC को बाहरी कंपनी से करार समाप्त करने, प्रभावित छात्रों को दोबारा परीक्षा का मौका देने और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने की माँग की जा रही है।
सोशल मीडिया पर छात्रों की पीड़ा
ट्विटर (अब X) पर कई छात्रों ने अपनी व्यथा साझा की है:
Neetu Singh (@NeetuSingh202):
“Students are suffering due to repeated exam cancellations & poor infrastructure. Future is at stake.”
Aditya Ranjan (@adityaranjan108):
“जब छात्र परीक्षा देने जाएं और बदले में मार खाकर लौटें, तो ये सिर्फ अव्यवस्था नहीं, अत्याचार है।”
माँगें और सुझाव
छात्रों ने SSC से माँग की है कि:
- SSC अपनी खुद की परीक्षा प्रणाली विकसित करे
- मौजूदा निजी कंपनी का करार रद्द किया जाए
- रद्द परीक्षाओं के लिए पुनः परीक्षा का आयोजन किया जाए
- परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था में पारदर्शिता और संचार व्यवस्था सुधारी जाए
SSC की चुप्पी
अब तक SSC की ओर से इन मुद्दों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। केवल कुछ परीक्षाओं के रद्द होने और पुनः आयोजन की सूचना वेबसाइट पर दी गई है।
यह मामला सिर्फ एक परीक्षा प्रणाली की विफलता नहीं है, बल्कि देश के युवाओं की मेहनत, उम्मीदों और भविष्य के साथ हो रहे खिलवाड़ का प्रतीक बन चुका है। अगर सरकार और SSC ने इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह विरोध और तेज़ हो सकता है।
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