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थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद में बढ़ा सैन्य संघर्ष, 14 की मौत, लाखों का पलायन जारी

INDC Network : World News : थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर जंग का दूसरा दिन, 14 की मौत, एक लाख से अधिक लोगों का पलायन

दक्षिण-पूर्व एशिया के दो पड़ोसी देशों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद ने गंभीर और हिंसक मोड़ ले लिया है। गुरुवार, 24 जुलाई को शुरू हुई इस सैन्य झड़प ने दूसरे दिन भी अपनी गति बनाए रखी। तोपखाने, टैंक, रॉकेट लॉन्चर और एफ-16 जेट जैसे सैन्य संसाधनों की झड़प के बीच अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 13 नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने शुक्रवार को इस विषय पर आपातकालीन बैठक बुलाई है।

100,000 से अधिक लोगों का पलायन

थाईलैंड के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, अब तक सीमा से लगे चार प्रांतों से लगभग 1 लाख लोगों को हटाकर 300 अस्थायी शिविरों में शरण दी गई है। स्थिति बेहद तनावपूर्ण है, और ग्रामीणों में दहशत फैली हुई है।

हथियारों से गूंजा बॉर्डर क्षेत्र

एएफपी के पत्रकारों ने कंबोडियाई शहर समरांग से शुक्रवार सुबह तोपों और गोलियों की आवाजें सुनीं। 41 वर्षीय प्रो बाक, जो सीमा से बहुत करीब रहते हैं, ने कहा,

“हम सुबह 6 बजे से गोलीबारी की आवाजें सुन रहे हैं। बच्चे और महिलाएं डरे हुए हैं। हम एक बौद्ध मंदिर में शरण ले रहे हैं, लेकिन नहीं जानते कि घर कब लौट पाएंगे।”

2008 से चला आ रहा है विवाद

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच यह सीमा विवाद नया नहीं है। दोनों देश 800 किलोमीटर की साझा सीमा रखते हैं।

  • 2008 और 2011 के बीच इस विवाद ने भीषण रूप लिया था।
  • उस दौरान दर्जनों झड़पों में कम से कम 28 लोगों की मौत हुई थी और हजारों विस्थापित हुए थे।
  • 2013 में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने निर्णय देकर मामला सुलझाया था, लेकिन 2025 में एक कंबोडियाई सैनिक की मौत के बाद मामला फिर से उग्र हो गया।

सेना और टैंकों के साथ आमने-सामने हुए देश

गुरुवार की लड़ाई में संघर्ष छह स्थानों पर फैला, जिनमें दो प्राचीन मंदिरों के पास का क्षेत्र भी शामिल था।

  • कंबोडिया ने थाईलैंड की सीमाओं पर रॉकेट और गोले दागे।
  • थाईलैंड ने जवाब में एफ-16 लड़ाकू विमानों से हमला किया।
  • थाई थल सेना के सैनिक टैंकों के साथ सीमा की ओर बढ़े और टकराव तेज हुआ।

दोनों देशों ने एक-दूसरे को दोषी ठहराया

थाईलैंड ने आरोप लगाया कि कंबोडियाई सेना ने नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है।

  • एक अस्पताल पर गोले दागे गए।
  • एक पेट्रोल पंप पर रॉकेट गिराया गया।
  • इसके बाद थाईलैंड ने कंबोडियाई राजदूत को निष्कासित कर दिया और अपने दूत को वापस बुला लिया।
  • जवाब में कंबोडिया ने थाईलैंड से अपने सभी राजनयिकों को हटा लिया, सिवाय एक के।

UNSC की आपात बैठक और वैश्विक अपीलें

कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मैनेट के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस मामले पर आपात बैठक बुलाने की घोषणा की है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं:

  • अमेरिका ने दोनों देशों से तत्काल संघर्ष रोकने की अपील की है।
  • फ्रांस (कंबोडिया का पूर्व उपनिवेशक) ने भी शांति की अपील की।
  • यूरोपीय संघ और चीन ने झड़पों पर गहरी चिंता जताई है और वार्ता से समाधान की अपील की है।

मानवता पर संकट

संघर्ष की वजह से लाखों लोगों के जीवन पर असर पड़ा है। पलायन कर रहे नागरिकों में बड़ी संख्या में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं। सीमाई गांवों में खाने-पीने और दवाइयों की कमी हो गई है।

थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर छिड़ी यह जंग न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है, बल्कि एक मानवीय त्रासदी का संकेत भी है। वर्षों पुराने विवाद को सैन्य ताकत से सुलझाने की बजाय, दोनों देशों को संवाद और कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए।

अगर ये संघर्ष जारी रहा, तो दक्षिण-पूर्व एशिया में विकास और स्थायित्व को भारी क्षति हो सकती है। अब जरूरत है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर UNSC, केवल बयान न देकर ठोस पहल करे और इस संकट को मानवता की नज़र से हल करवाए।

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