INDC Network : रायबरेली, उत्तर प्रदेश : रायबरेली जिले के शिवगढ़ थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ। तीन युवक एक ही बाइक पर सवार होकर नौकरी के लिए जा रहे थे, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भीषण था कि दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।
हादसे का क्रम
चितवनिया निवासी उदयराज वर्मा के बेटे शिवा (18) अपने चचेरे भाई सुमित वर्मा (20) और गूढ़ा निवासी रिश्तेदार विजय वर्मा उर्फ नन्हें (27) के साथ लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित प्लाई फैक्टरी में नौकरी करता था। सोमवार सुबह करीब 10 बजे तीनों एक ही बाइक पर सवार होकर ड्यूटी पर निकल पड़े। बांदा-बहराइच राजमार्ग से निकले भवानीगढ़-बहुदा मार्ग पर महुआ ताली चौराहे के पास एक ट्रक ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी।
टक्कर के बाद मौत और चीख-पुकार
तेज रफ्तार ट्रक की टक्कर के बाद तीनों युवक सड़क पर गिर पड़े और ट्रक के पहियों के नीचे आ गए। शिवा और विजय की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुमित गंभीर रूप से घायल हो गया। आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और एंबुलेंस बुलाकर घायल सुमित को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया।
हादसे के बाद चालक फरार
दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन वहीं छोड़कर फरार हो गया। थाना प्रभारी विंध्य विनय ने बताया कि जांच में पता चला है कि ट्रक की रफ्तार बहुत अधिक थी और चालक वाहन पर नियंत्रण नहीं रख सका। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है और पीड़ित परिवार की तहरीर मिलने पर केस दर्ज करने की बात कही है।
परिजनों में कोहराम
हादसे की सूचना मिलते ही मृतकों के घरों में मातम छा गया। शिवा की मां रंजना वर्मा और छोटे भाई हर्षित का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता उदयराज वर्मा भी सदमे में हैं। शिवा अविवाहित था और परिवार की आर्थिक मदद के लिए नौकरी करता था। विजय की मौत से उसके परिवार पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। विजय के माता-पिता पहले ही गुजर चुके थे और वह अपने बड़े भाई राजकुमार के साथ रहता था। छोटे भाई की मौत की खबर सुनते ही राजकुमार बेहोश हो गए।
ग्रामीणों का गुस्सा, टोल बचाने के रूट पर रोक की मांग
स्थानीय लोगों ने हादसे के लिए भारी वाहनों के मनमाने संचालन को जिम्मेदार ठहराया। ग्रामीणों का कहना है कि टोल टैक्स से बचने के लिए बड़े ट्रक और भारी वाहन भवानीगढ़ चौराहा होते हुए बहुदा मार्ग से लखनऊ की ओर निकलते हैं। इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक और तेज रफ्तार के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं, लेकिन पुलिस इस पर ध्यान नहीं देती।
स्थानीय नेताओं और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
चितवनिया प्रधानपति चंद्रिका प्रसाद वर्मा, पूर्व प्रधान विनय वर्मा, बेड़ारु निवासी विनोद गौतम, रीशू सिंह, अंकित वर्मा और अनिल वर्मा ने प्रशासन से मांग की है कि भारी वाहनों के इस मार्ग पर संचालन पर तुरंत रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि यदि यह कदम उठाया गया तो हादसों में कमी आ सकती है और कई लोगों की जान बच सकती है।
क्षेत्र में सड़क सुरक्षा की चुनौतियां
यह हादसा एक बार फिर क्षेत्र में सड़क सुरक्षा की कमजोरियों को उजागर करता है। न तो सड़क पर स्पीड ब्रेकर हैं, न ही पर्याप्त चेतावनी बोर्ड। साथ ही, हेलमेट पहनने के प्रति भी लोगों में गंभीरता की कमी है। इस हादसे में भी तीनों युवकों ने हेलमेट नहीं पहना था, जिससे चोटें और गंभीर हो गईं।
पुलिस और प्रशासन के लिए सबक
ग्रामीणों का मानना है कि यदि पुलिस गश्त और स्पीड मॉनिटरिंग को सख्ती से लागू करे तो ऐसे हादसों पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही, स्थानीय प्रशासन को टोल बचाने के लिए भारी वाहनों द्वारा अपनाए जाने वाले वैकल्पिक मार्गों पर निगरानी बढ़ानी चाहिए।
सड़क पर जानलेवा लापरवाही
विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रामीण सड़कों पर भारी वाहनों का तेज रफ्तार में चलना और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी, दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। इस घटना के बाद लोगों में गुस्सा है और वे चाहते हैं कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।