INDC Network : बलिया, उत्तर प्रदेश : बलिया में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई — छह अवैध स्कूलों को नोटिस, प्रबंधकों में मचा हड़कंप
बलिया। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के दुबहड़ ब्लॉक में शिक्षा विभाग ने एक साहसिक और सख्त कदम उठाते हुए छह ऐसे निजी स्कूलों को नोटिस जारी किया है जो बिना किसी सरकारी मान्यता के वर्षों से संचालित हो रहे थे। खंड शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह के नेतृत्व में की गई जांच के बाद इन स्कूलों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया गया है।
बिना मान्यता चल रहे इन स्कूलों को मिला नोटिस:
- भारतीय मठिया स्कूल, यदुनंदन भारती श्रीपुर सलेमपुर
- भृगु देवी पब्लिक स्कूल, चकरी घघरौली
- सरस्वती ज्ञान मंदिर, सेमरी
- महाबीर पब्लिक स्कूल, सेमरी
- लाडो पब्लिक स्कूल, घघरौली
- आर्य भट्ट इंटरनेशनल स्कूल, कुंवर जसाव
खंड शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने स्पष्ट किया कि यह सभी विद्यालय बिना वैध मान्यता के संचालित पाए गए हैं। उन्हें नोटिस जारी कर संचालन तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है।
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अवहेलना पर ₹10,000 प्रतिदिन का जुर्माना
शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर इन स्कूलों द्वारा आदेशों की अवहेलना की जाती है तो प्रतिदिन ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा, जो अधिकतम ₹1 लाख तक होगा। इसके बाद भी यदि स्कूल चलते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल प्रबंधकों में खलबली, बोर्ड हटाए गए
नोटिस जारी होते ही संबंधित स्कूलों में हड़कंप मच गया है। कई स्कूलों ने अपने साइन बोर्ड और नामपट्ट तक हटा दिए हैं, जबकि कुछ ने कक्षाओं को अंदर कमरे में छिपाकर चलाना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग की इस सख्ती से स्कूल प्रबंधकों में भय का माहौल बना हुआ है।
शिक्षक संघ ने किया समर्थन, सोशल मीडिया पर उठी आवाज
बांसडीह रोड क्षेत्र के प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री समरजीत बहादुर सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई का समर्थन किया है। उन्होंने मांग की कि ऐसे सभी विद्यालयों पर कार्रवाई हो जो मान्यता के बिना या मान्यता के दायरे से बाहर जाकर कक्षाएं चला रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कई स्कूल केवल कक्षा 1 से 5 तक की मान्यता के बावजूद 10वीं और 12वीं तक की शिक्षा दे रहे हैं, साथ ही कॉपी, किताब, जूते, मोजे और यूनिफॉर्म बेचने का कार्य भी कर रहे हैं, जो शिक्षा नियमों के विरुद्ध है।
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मान्यता जरूरी, नर्सरी और एलकेजी के लिए भी
शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि चाहे एलकेजी, यूकेजी या नर्सरी की कक्षा ही क्यों न हो, बिना मान्यता कोई भी कक्षा नहीं चलाई जा सकती। ऐसे सभी स्कूलों को या तो मान्यता लेनी होगी या संचालन बंद करना होगा।
बलिया जिले में शिक्षा विभाग की यह कार्रवाई भविष्य के लिए एक सख्त संदेश है कि शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह कदम न केवल अवैध स्कूलों पर लगाम कसने के लिए जरूरी है, बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने की दिशा में भी प्रभावी प्रयास है।