INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम बिरिया डांडा के पास गंगा की बाढ़ में स्कूली छात्रों से भरी एक निजी नाव अचानक पलट गई। नाव पर करीब एक दर्जन से अधिक बच्चे सवार थे। हादसे के बाद मौके पर हड़कंप मच गया और बच्चों की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण तुरंत मदद को दौड़े।
नाव पलटते ही मची अफरा-तफरी
घटना ढाईघाट अहमदगंज कायमगंज मार्ग के पास हुई जहां बाढ़ का पानी सड़क पर चढ़ आया था और करीब 50 मीटर सड़क कट गई थी। इसी बीच स्कूली छात्र-छात्राओं को लेकर एक निजी नाव गंगा की तेज धार में आ गई। नाव पर बच्चों के साथ उनकी साइकिलें भी रखी थीं, जिससे नाव पर भार अधिक हो गया। नाव असंतुलित होकर तेज धारा में अचानक पलट गई और बच्चे पानी में गिर पड़े।
15 छात्र सवार, चीख-पुकार मची
नाव पर सवार बच्चों में नहला गढ़ी निवासी नेकराम की बेटी, जो कक्षा 10 की छात्रा है, सहित 15 छात्र-छात्राएं शामिल थे। नाव के पलटते ही सभी बच्चे बाढ़ के पानी में समा गए। देखते ही देखते घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई और ग्रामीण भी दहशत में आ गए।
ग्रामीणों की बहादुरी से बची जान
स्थानीय ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए तुरंत नाव को सीधा किया और बच्चों को पानी से बाहर निकाला। नाव पलटने की खबर फैलते ही आसपास के लोग भी मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों की तत्परता और साहस की वजह से सभी बच्चों की जान बच गई। हालांकि हादसे ने लोगों को गहराई तक डरा दिया और अभिभावक सहमे हुए हैं।
बाढ़ का कहर और टूटी सड़क
स्थानीय लोगों ने बताया कि गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और बाढ़ की वजह से ढाईघाट अहमदगंज कायमगंज मार्ग पर बिरिया डांडा के पास करीब 50 मीटर सड़क कट चुकी है। इस वजह से आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है और ग्रामीण नाव के सहारे ही नदी पार करने को मजबूर हैं। इसी लापरवाही के कारण हादसा होते-होते टल गया।
प्रशासन पर उठे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के कारण लोग अपनी जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं। बच्चों को रोज़ाना स्कूल जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है। यदि समय रहते उचित व्यवस्था की जाती तो ऐसा हादसा नहीं होता। ग्रामीणों ने मांग की है कि बच्चों के सुरक्षित आवागमन के लिए तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
हादसे से सहमे अभिभावक
हादसे की सूचना पाकर बच्चों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। अपने बच्चों को सकुशल देखकर वे राहत की सांस तो ले पाए लेकिन नाव पलटने की घटना ने उन्हें अंदर तक डरा दिया है। परिजनों का कहना है कि हर दिन बच्चों की सुरक्षा को लेकर डर बना रहता है।
बड़ा हादसा टल गया, पर चेतावनी बड़ी
हालांकि ग्रामीणों की बहादुरी से एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन इस घटना ने साफ कर दिया है कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों की जान खतरे में है। प्रशासन के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है कि वह लोगों को सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था मुहैया कराए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।



















