INDC Network : भदोही, उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और गंगा, यमुना व अन्य नदियों में जलस्तर बढ़ने से 13 जिलों में बाढ़ का संकट गहरा गया है। प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, जालौन, औरैया सहित कई जिलों में गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है। दर्जनों गांव डूब गए हैं, सड़कें जलमग्न हो गई हैं और यातायात बाधित है। प्रशासन द्वारा राहत शिविर और शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने जैसे कदम उठाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गंगा का उफान विकराल रूप ले चुका है। प्रयागराज से वाराणसी होते हुए मिर्जापुर, भदोही और जौनपुर तक बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। सोमवार सुबह तक गंगा नदी का जलस्तर 72.1 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के स्तर 71.262 मीटर से ऊपर है।
प्रशासन ने इसे देखते हुए वाराणसी के सभी घाटों पर जलाभिषेक, दाह संस्कार और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों के लिए ऊंचे चबूतरों पर जाने का निर्देश दिया है। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती अब छोटे घाटों पर की जा रही है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर शव संस्कार ऊंचे प्लेटफॉर्म पर हो रहे हैं।
स्थिति: सड़कों पर पानी, यातायात बाधित
गंगा का पानी मिर्जापुर-भदोही-वाराणसी मार्गों पर फैल चुका है। भदोही, औराई और कछवा मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस ने यातायात बंद कर दिया है। विंध्याचल धाम जाने वाले दोनों प्रमुख मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रभावित जिले और गांव
प्रयागराज, जालौन, औरैया, हमीरपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, बलिया, बांदा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर देहात और कानपुर नगर सहित कुल 13 जिलों में बाढ़ का असर दिख रहा है। प्रयागराज में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर के पार पहुंच गया है।

स्कूल बंद, राहत शिविर चालू
जिला प्रशासन ने शहरी इलाकों में राहत शिविर बनाए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित स्कूलों में शिक्षण कार्य स्थगित कर दिया गया है। प्रयागराज में 107 वार्डों में बाढ़ का असर है, जिसमें राजापुर, गोविंदपुर, बेली, चांदपुर, छोटा-बड़ा बघाड़ा सहित दर्जनों मोहल्ले प्रभावित हैं। वहीं फुलपुर तहसील के 18, सोरांव के 8, मेजा के 12, बारा और हंडिया के कई गांव डूब गए हैं।
नावों पर पाबंदी और SDRF की तैनाती
नदी मार्गों पर नावों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। SDRF की टीमें तैनात की गई हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा रही हैं। NDRF की टीम को भी स्टैंडबाय रखा गया है।
जलस्तर के आंकड़े (5 अगस्त 2025)
- गंगा नदी, वाराणसी: 72.1 मीटर (खतरे के स्तर 71.262 मीटर से ऊपर)
- गंगा, प्रयागराज: 86.04 मीटर
- यमुना, प्रयागराज: 84.73 मीटर
- गंगा, फाफामऊ: 86.03 मीटर
प्रशासन की सख्ती और अलर्ट
तटीय गांवों में नदियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने 200 से अधिक गांवों और 60 बस्तियों को अलर्ट किया है। कई इलाकों से लोगों को निकाला जा चुका है। जलस्तर में फिलहाल और वृद्धि की आशंका है क्योंकि भारी बारिश का सिलसिला थमा नहीं है।
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